कोरोना का कहर कम होने के साथ ही अपनी अद्भुत प्रकृति प्रदत सौंदर्य और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग एक बार फिर से पर्यटकों से गुलज़ार होने लगी है। पहाड़ की मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए फिर से भारी संख्या में पहुँचने लगे है, जिससे कोविड-19 के चलते मुरझाए पर्यटन उद्योग में फिर जान आने लगी है। जैसा की हम सभी जानते है कि कोरोना महामारी की चलते पर्यटन उधोग पर ग्रहण लग गया था। पर्यटन स्थलों पर लगाए गए प्रतिबंध से पर्यटन स्थलों में स्थित व्यापार, कारोबार, वाणिज्य उद्योग बंद थे। इसी पर निर्भर रहकर जीवन गुजार रहे हजारों परिवार आर्थिक मार से चरमरा गए थे। फिलहाल जनवरी के बाद कोविड-19 के दिशा निर्देशों पर अमल के साथ पर्यटन स्थलों के दौरे के लिए जिला प्रशासन ने मौका दिया है। फिलहाल पर्यटन उद्योग संभलने के साथ व्यापार-कारोबार के पंख लग गए हैं। इसी पर निर्भर होकर जीवन गुजार रहे परिवार आर्थिक तौर पर धीरे से उभर रहे हैं। होम स्टे, रेसार्ट, लॉज में व्यापार-कारोबार में सुधार नजर आ रहा है। वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार ने 75 प्रतिशत क्षमता के साथ पर्यटन स्थलों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है, जिसके वजह से पर्यटन उद्योग फिर से पटरी पर आना शुरू हो गया है ।
हम आपको को बता दे हिमालय की गोद में बसा पूरा उत्तर बंगाल को प्रकृति ने अपने हाथों से सजाया, यहाँ पर वह सब कुछ है, जो पर्यटकों को अपने तरफ लुभा सके, कलकल बहती महानंदा और तीस्ता नदियां जैसी पहाड़ी नदियों, प्रकृत प्रदत जंगल और इन जंगलो में विभिन्न प्रकार के जानवरो और पक्षियों की भरमार, दार्जिलिंग के पहाड़ की मनोरम वादियां, यानि उत्तर बंगाल अपने आम में एक पूरे भारत को समेटे हुए है और यही कारण है देश-विदेश से हजारों पर्यटक हर मौसम में यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने आते हैं।
विशेष कर दार्जिलिंग एक ऐसा प्लेस है जिसको हर एक मौसम में घूमना पसंद किया जाता है। कई फिल्मों की भी यहां शूटिंग हो चुकी है। यही कारण है कि दार्जिलिंग को पहाड़ों की रानी कहा जाता है। कुछ दिन पहले ही दार्जलिंग और आसपास के पहाड़ी इलाके में भारी बर्फबारी हुई थी, इससे पूरा इलाका बर्फ से ढक गया था। साथ ही यहाँ आने वाले पर्यटक दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के टॉय ट्रेन का लुत्फ़ उठाना नहीं भूलते है। विश्व हेरिटेज में शामिल दार्जिलिंग तथा सिक्किम घूमने आने वाले अधिकांश पर्यटक एक बार टॉय ट्रेन काफी लुभाता है, क्योंकि पहाड़ और जंगलो के बीच जब यह ट्रेन धीमी गति से चलता है, तो यहाँ से प्रकति का कुछ अलग ही नज़र नज़र आता है। ऐसे तो पूरा उत्तर बंगाल में कई पर्यटन स्थल है, लेकिन अगर आप दार्जिलिंग जाते है, तो जोरपोखरी, उत्तर के कंचनजंगा पर्वत से घिरा ये छोटा सा गांव चटकपुर, दार्जिलिंग का लालकोठी, सिंगला, गर्ग वर्ल्ड एम्यूज़मेंट पार्क में जरूर जाये। इसके साथ ही मिरिक, कलिम्पोंग, कर्सियांग में भी कई पर्यटन स्थल है, हो आपका मन मोह लेंगे।
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