केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस महानिदेशक को लेटर भेजकर कहा कि वे आईपीएस कैडर रूल्स की धारा 6 (1) के पालन में विफल रहे हैं। गृह मंत्रालय ने इससे पहले भी ममता बनर्जी की सरकार से कहा था कि तीन आईपीएस अधिकारियों को सेंट्रल डेंप्युटेशन के लिए तुरंत रिलीज कर दें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की ओर से भेजे गए लेटर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे आईपीएस कैडर रूल 1954 के आपातकालीन प्रावधानों का शक्ति का जबरदस्त दुरुपयोग बताया है। ममता ने इसे संविधान और संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा है कि वह कभी झुकने वाली नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”हम केंद्र द्वारा राज्य मशीनरी को इस तरह नियंत्रित करने प्रयास की अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है।” बंगाल सरकार और पुलिस की ओर से गृह मंत्रालय को जवाब देने में असफल रहने पर गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारी भोलानाथ पांडे, राजीव मिश्रा और प्रवीण त्रिपाठी को पांच साल के लिए केंद्र में डेप्युटेशन पर भेज दिया है।
तीनों आईपीएस अधिकारियों को पहले ही जिम्मेदारी दी जा चुकी है। मंत्रालय ने संकेत दिया है कि भोलानाथ पांडे बीपीआरडी एसपी होंगे, प्रवीण त्रिपाठी एसएसबी डीआईजी और राजीव मिश्रा आईटीबीपी आईजी होंगे। तीनों आईपीएस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से केंद्र में भेजने को कहा गया है।
गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और डीजीपी केंद्र सरकार के साथ सहयोग करने में असफल रहे हैं 11 दिसंबर को उनकी ओर से भेजे गए खत (जिसमें तीनों अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्रालय के सामने प्रस्तुत होने से इनकार कर दिया था) असंतोषजनक हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीनों अधिकारियों को संबंधित पदों के लिए तुरंत रिपोर्ट करना होगा नहीं तो उन्हें आगे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा
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