नई दिल्ली। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के एक केस में दोषी करार दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक अदालत ने गुरुवार, 19 मई को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासीन मलिक को दोषी पाया है। एनआईए कोर्ट अब इस मामले में 25 मई को अगली सुनवाई करेगा। 25 मई से ही यासीन मलिक की सजा पर भी बहस होगी। टेरर फंडिंग केस में दोषी करार दिल्ली में एनआईए अदालत में यासीन मलिक भी उस वक्त मौजूद थे, जब उनको दोषी करार दिया गया। कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस उनको साथ लेकर गई। एनआईए अदालत ने एनआईए को मलिक के वित्तीय मूल्यांकन से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी है।
2017 में कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करने वाले कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में यासीन मलिक पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है।
पाकिस्तान ने यासिन मलिक को लेकर भारत के खिलाफ कई जहरीले बयान दिए। पाकिस्तान ने दावा किया कि यासिन मलिक के खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढंत हैं। यासिन मलिक इस समय तिहाड़ जेल में बंद है और इससे भी पाकिस्तान सरकार काफी भड़की हुई है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीरी नेताओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान ने दावा किया कि यासिन मलिक का जेल में स्वास्थ्य खराब है और उसे इलाज नहीं दिया जा रहा है।
एनआईए की अदालत ने आतंकी फंडिंग में पाया दोषी
पाकिस्तान ने यासिन मलिक को ‘राजनीतिक कैदी’ बताया और रिहा किए जाने की मांग की। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत से मांग की कि यासिन मलिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस लिया जाए। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से मांग की कि वे यासिन मलिक के साथ व्यवहार को लेकर भारत के खिलाफ ऐक्शन लें।
बता दें कि यासीन मलिक को दिल्ली की एनआईए कोर्ट ने आतंकवाद और 2017 में कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में दोषी करार दिया है। यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम का भी दोषी पाया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मलिक ने स्वतंत्रता संग्राम के नाम पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दुनिया भर से धन जुटाने के लिए तंत्र बनाया था। यासीन मलिक के खिलाफ कोर्ट 19 मई को सजा सुनाएगी।
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