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पार्थ के पास है बेहिसाब संपत्ति, पहली चार्जशीट में कोर्ट में ईडी का खुलासा

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कोलकाता। ईडी की टीम ने एसएससी मामले में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की। पहली चार्जशीट में कोर्ट में ईडी ने खुलासा किया है कि पार्थ के पास है बेहिसाब संपत्ति है।
धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत उनकी गिरफ्तारी के 58वें दिन आरोपपत्र दायर किया गया। ईडी ने 23 जुलाई को चटर्जी और मुखर्जी को स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित धन के लेन-देन की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। विशेष पीएमएलए अदालत में ईडी की टीम ने चार्जशीट दायर कर दोनों की 48.22 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली। सोमवार को टीचर भर्ती घोटाले में मनी लॉड्रिंग में यह पहली अटैचमेंट है। अटैच की गई संपत्तियों में 40.33 करोड़ की कीमत के फ्लैट, फार्म हाउस और कोलकाता में पॉश इलाके में जमीन तथा सोने के गहने व 7.89 करोड़ रुपये की रकम है जो बैंक खातों में जमा हैं व एफडी आदि हैं।
6 कंपनियों के खिलाफ 172 पन्नों का आरोपपत्र
एजेंसी के वकील अभिजीत भद्र ने कहा कि चटर्जी और मुखर्जी तथा 6 कंपनियों के खिलाफ 172 पन्नों का आरोपपत्र यहां बैंकशाल अदालत परिसर स्थित पीएमएलए अदालत में दायर किया गया। आरोपपत्र के मुताबिक, इस मामले में 43 गवाह हैं। भद्र ने कहा कि आरोपपत्र के साथ संलग्न दस्तावेज 146,043 पृष्ठों में हैं। ईडी ने अदालत के समक्ष कहा है कि पूर्व मंत्री की कथित सहयोगी मुखर्जी की नकदी और संपत्ति के रूप में अब तक करीब 100 करोड़ रुपये की बरामदगी की जा चुकी है। अभी और संपत्ति इनके पास हो सकती है। इसका छानबीन में जल्द ही पता लगाया जाएगा। चटर्जी को उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद ममता बनर्जी सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया था। उन्हें तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पद तथा अन्य पदों से भी हटा दिया गया था। वह इस समय घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।


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