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पीएम मोदी के मणिपुर दौरे से पहले बवाल: चुराचांदपुर में हिंसा, स्वागत के पोस्टर-बैनर फाड़े, लगाई आग

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे से महज दो दिन पहले राज्य में हिंसा भड़क उठी। चुराचांदपुर जिले में उपद्रवियों ने पीएम मोदी के स्वागत में लगाए गए पोस्टर-बैनर और सजावटी ढांचों को फाड़ दिया, तोड़फोड़ की और. . .

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे से महज दो दिन पहले राज्य में हिंसा भड़क उठी। चुराचांदपुर जिले में उपद्रवियों ने पीएम मोदी के स्वागत में लगाए गए पोस्टर-बैनर और सजावटी ढांचों को फाड़ दिया, तोड़फोड़ की और कई स्थानों पर आग लगा दी। यह घटना ठीक उसी मार्ग पर हुई, जिससे होकर प्रधानमंत्री के काफिले को गुजरना है।
🔥 क्या हुआ?
गुरुवार देर शाम करीब 7:45 बजे, बड़ी संख्या में लाठियों-डंडों से लैस उपद्रवी सड़कों पर उतरे और प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए लगाए गए सजावटी गेट और होर्डिंग्स को तोड़ना शुरू कर दिया। कुछ स्थानों पर उन्होंने उन्हें आग के हवाले भी कर दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में उपद्रवी खुलेआम तोड़फोड़ और आगजनी करते दिखाई दे रहे हैं, वहीं कुछ जगहों पर पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद होने के बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं करते दिखे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
📍 घटना स्थल कहां?
यह पूरी घटना चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुई है, जहां 13 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी जनसभा होनी है। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी इंफाल स्थित ऐतिहासिक कांगला फोर्ट जाएंगे, जहां एक और सभा प्रस्तावित है।
⚠️ सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी
जिस तरह प्रधानमंत्री की यात्रा से ठीक पहले हिंसा और आगजनी हुई है, उससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। यह रास्ता पीएम मोदी के हेलिपैड से कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए निर्धारित है, और अब इसकी सुरक्षा को लेकर फिर से समीक्षा हो रही है।
😡 स्थानीय संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर मणिपुर के कुकी-जो समुदाय में मिश्रित भावनाएं हैं। ‘कुकी इनपी मणिपुर’ और ‘इम्फाल ह्मार डिस्प्लेस्ड कमेटी’ ने प्रधानमंत्री की यात्रा का स्वागत तो किया है,लेकिन कार्यक्रम में सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियों पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है, “हमारे घाव अभी भरे नहीं हैं, आंसू अभी सूखे नहीं हैं। ऐसे में नाच-गाना करना मुनासिब नहीं है।”
🗣️ क्यों है यह दौरा अहम?
मणिपुर पिछले साल कुकी और मेइती समुदायों के बीच हुई हिंसा से अब तक पूरी तरह उबर नहीं पाया है। करीब 260 लोगों की मौत, हजारों बेघर और लगातार सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। फरवरी 2025 में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा इस पृष्ठभूमि में न केवल सांकेतिक महत्व रखता है, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है।
राज्य में उम्मीद और असंतोष दोनों
प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा लंबे समय से लंबित था और इसे लेकर राज्य में उम्मीद और असंतोष दोनों हैं।
तोड़फोड़ और आगजनी की ताजा घटनाएं दर्शाती हैं कि मणिपुर अभी भी पूरी तरह शांत नहीं है। अब देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री की यात्रा इस अशांत राज्य में सुलह और स्थिरता की दिशा में कोई ठोस पहल लेकर आती है या नहीं।