Home » कुछ हटकर » पेंशन में अब देरी नहीं ! केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जानिए नए नियमों में क्या-क्या बदला

पेंशन में अब देरी नहीं ! केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम, जानिए नए नियमों में क्या-क्या बदला

डेस्क। केंद्रीय कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट के बाद अपनी पेंशन और अन्य लाभों के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवाओं के कर्मचारियों के लिए पेंशन वितरण प्रक्रिया में बड़े सुधारों का ऐलान किया है,. . .

डेस्क। केंद्रीय कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट के बाद अपनी पेंशन और अन्य लाभों के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवाओं के कर्मचारियों के लिए पेंशन वितरण प्रक्रिया में बड़े सुधारों का ऐलान किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य पूरी प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और निश्चित समयसीमा के भीतर पूरा करना है. ये नए दिशा-निर्देश सुनिश्चित करेंगे कि कर्मचारियों को उनके रिटारमेंट बेनिफिट समय पर मिलें, जिससे लंबे समय से चली आ रही पेंशन में देरी की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी।

पेंशन और रिटायरमेंट बेनिफिट अब ‘राइट टाइम’ पर

सरकार द्वारा लागू किए गए नए दिशा-निर्देशों में जवाबदेही और समयबद्धता पर विशेष जोर दिया गया है. ये हैं प्रमुख सुधार
विजिलेंस क्लियरेंस से नहीं रुकेगी पेंशन। अब किसी भी कर्मचारी की पेंशन केवल विजिलेंस क्लियरेंस न मिलने की वजह से नहीं रोकी जाएगी. मंत्रालयों/विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्लियरेंस रिटायरमेंट से कम से कम 3 महीने पहले जारी हो जाए, ताकि अंतिम समय में कोई बाधा न आए।

निश्चित समयसीमा का ऐलान

पेंशन और लाभ के भुगतान के लिए स्पष्ट और कठोर समयसीमा तय की गई है: PPO (Pension Payment Order) जारी करना: रिटायरमेंट से 60 दिन पहले PPO या e-PPO जारी करना अनिवार्य है। सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान: रिटायरमेंट ड्यूज़ (सेवानिवृत्ति लाभ) रिटायरमेंट के अगले दिन ही भुगतान कर दिए जाएंगे। पहली पेंशन: कर्मचारियों को पहली पेंशन रिटायरमेंट के अगले महीने के आखिरी दिन तक मिल जाएगी।

‘पेंशन मित्र’ की नियुक्ति और डिजिटल निगरानी

पेंशन मित्र: हर रिटायर होने वाले कर्मचारी के लिए एक ‘पेंशन मित्र’ या वेलफेयर ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी फॉर्म भरने से लेकर सभी औपचारिकताओं में मदद करेगा, और पेंशनर की मृत्यु के बाद आश्रितों का भी सहयोग करेगा।
‘भविष्य’ पोर्टल की मजबूती: पेंशन प्रोसेसिंग को ट्रैक करने वाले ‘भविष्य’ (Bhavishya) पोर्टल को और तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा। इसमें ऑटो-फ्लैगिंग और ऑटो-एस्केलेशन की सुविधा होगी, ताकि कोई भी केस तय समयसीमा से ज़्यादा देर तक लंबित न रहे।

प्रशासनिक और डिजिटल सुधार

सर्विस रिकॉर्ड्स को पूरी तरह डिजिटाइज करने पर जोर दिया गया है. Bhavishya और e-HRMS प्लेटफॉर्म्स का सार्वभौमिक इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है ताकि त्रुटियों और देरी को कम किया जा सके। इसके अलावा, पूरी प्रक्रिया में हाई-लेवल ओवरसाइट कमेटी (HLOC), निगरानी अधिकारी और बैंक भी जवाबदेह बनाए गए हैं।
कुल मिलाकर, इन सुधारों से केंद्रीय कर्मचारियों को अब एक पारदर्शी, तेज और निश्चित पेंशन प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।