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प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा: 8500 करोड़ की योजनाओं का उपहार, पहली बार अशांति के बाद मणिपुर पहुंचेंगे पीएम

इम्फाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी १३ सितम्बर को मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है, क्योंकि साल २०२३ में कूकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद यह. . .

इम्फाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी १३ सितम्बर को मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है, क्योंकि साल २०२३ में कूकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद यह प्रधानमंत्री का पहला मणिपुर दौरा होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी राज्य को ८५०० करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का तोहफा देंगे।

क्या है प्रधानमंत्री की यात्रा का कार्यक्रम?

प्रधानमंत्री की मुख्य सभा चुराचंदपुर के पीस ग्राउंड में आयोजित की जाएगी। इसके बाद वे इम्फाल स्थित कांगला किले का भी दौरा करेंगे, जहां उनके कई कार्यक्रम निर्धारित हैं।

अशांति के बाद पहली यात्रा

मणिपुर में मई २०२३ से कूकी और मैतेई समुदायों के बीच तनाव और हिंसा का माहौल बना हुआ है। इस हिंसा में अब तक २६० से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं। फरवरी २०२५ में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए इम्फाल और चुराचंदपुर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त कर दी गई है। राज्य पुलिस, अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है। जगह-जगह निगरानी और तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

आम नागरिकों के लिए दिशानिर्देश

प्रशासन ने प्रधानमंत्री की सभा में शामिल होने वालों के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • सभा स्थल पर चाबी, पेन, पानी की बोतल, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े के टुकड़े और कोई भी धारदार वस्तु ले जाना सख्त मना है।
  • १२ वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार व्यक्तियों को सभा में लाने की अनुमति नहीं होगी।
  • चुराचंदपुर में एयरगन पर भी रोक लगा दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा राज्य में शांति और विकास का संदेश देने के उद्देश्य से देखी जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मणिपुर की जनता इस पहल को किस रूप में लेती है और यह दौरा राज्य की स्थिरता में किस हद तक सहायक बनता है।