सिलीगुड़ी। प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चूका है, जो किराने की थैलियों, शैम्पू की बोतलों, मॉइस्चराइज़र ट्यूबों, चिप्स और बिस्किट पैकेजिंग, दवाई की बोतलों, चाबी के छल्ले, जूते और चप्पलों और यहां तक कि कपड़ों में भी प्रयोग होता है। लेकिन, यह विशेष रूप से पैकेजिंग उद्योग के लिए एक वरदान है। लेकिन तरफ प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है। प्लास्टिक पदार्थो से उत्पन्न कचरे का निस्तारण काफी कठिन होता है और पृथ्वी पर प्रदूषण में भी इसका काफी अहम योगदान है, जिससे यह एक वैश्विक चिंता का विषय बन गया है। अनेक अध्ययनों में माना गया है कि प्लास्टिक बैग और स्टीरोफोम को विघटित होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं. इससे मिट्टी और भूजल का दूषित होना चिंताजनक है। प्लास्टिक प्रदूषण समुद्र की गहराई से लेकर हिमालय की ऊंचाई तक व्याप्त हो रहा है। इससे वन्यजीवों और समुद्रीजीवों का अस्तित्व संकट में है। स्टीरोफोम में स्टीरीन और बेंजीन जैसे जहरीले रसायन होते हैं, जो कैंसरकारक होने के साथ-साथ तंत्रिका, श्वसन, प्रजनन प्रणाली की बीमारियों का कारण बनते हैं। यही कारण है की प्लास्टिक की बर्बादी को कम करने के लिए केंद्र द्वारा चुनिंदा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया है। सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के 19 चीजों पर लगी रोक लगा दी है। इसी के मद्देनज़र सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा प्लास्टिक कैरीबैग के खिलाफ अभियान चलाया गया। शुक्रवार को सिलीगुड़ी के गुरुंगबस्ती बाजार में प्लास्टिक उपयोग नहीं करने को लेकर डिप्टी मेयर और अन्य पार्षद दुकानदारों को जागरूक करते नज़र आये।
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