नई दिल्ली। बगाल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा सांसदों को ‘SIR’ प्रक्रिया को जटिल न बनाने और इसे स्पष्ट, पारदर्शी रखने की सलाह दी। उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर टीएमसी की हिंसा का प्रभावी ढंग से विरोध करने और 2026 की तैयारियों को पुख्ता करने का निर्देश दिया।
भाजपा सांसदों से मुलाकात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य के मौजूदा हालात में स्पष्ट संवाद और जन-सम्पर्क की ज़रूरत है, और पार्टी को ज़मीनी स्तर पर जो कुछ हो रहा है, उसका कड़ा विरोध करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, 2026 की तैयारियों के संबंध में, प्रधानमंत्री ने सांसदों से विस्तृत प्रस्तुतियाँ तैयार करने और आगामी राजनीतिक योजना व लामबंदी के लिए पूरी तैयारी सुनिश्चित करने को कहा।
एसआईआर को ज़्यादा जटिल नहीं बनाया जाना चाहिए
प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र के अनुसार, मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एसआईआर को ज़्यादा जटिल नहीं बनाया जाना चाहिए और यह संदेश ज़मीनी स्तर तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने प्रक्रिया में स्पष्टता और दक्षता पर ज़ोर देते हुए कहा कि एसआईआर अभियान को सरल और पारदर्शी रखें। इसका उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि योग्य मतदाताओं को शामिल किया जाए और जो योग्य नहीं हैं उन्हें हटाया जाए। उन्होंने सांसदों से 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में पार्टी को केंद्रित और आश्वस्त बनाए रखने का भी आह्वान किया। सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी की ताकत का लाभ उठाने और वर्षों से बनी गति को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला।
सांसद खगेन मुर्मू पर हमले जैसी घटनाओं को प्रभावी ढंग से उजागर किया जाना चाहिए
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से कहा कि सांसद खगेन मुर्मू पर हमले जैसी घटनाओं को प्रभावी ढंग से उजागर किया जाना चाहिए ताकि लोग टीएमसी से जुड़ी हिंसा को समझ सकें। कल, 3 दिसंबर को, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यालय में संसद भवन में असम के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मुलाकात की। बैठक के दौरान, उन्होंने उनकी संसदीय गतिविधियों पर चर्चा की और उन्हें जनता के बीच अधिक सक्रिय होने की सलाह दी।
जनभागीदारी बढ़ाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के साथ-साथ जनभागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने खेल उत्सवों और सोशल मीडिया अभियानों को लोगों से जुड़ने के प्रभावी तरीकों के रूप में रेखांकित किया। 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहला चुनाव असम में होगा। असम में 126 विधानसभा सीटें हैं, केरल में 140, तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294 और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटें हैं।