कोलकता। पश्चिम बंगाल में वंदे भारत ट्रेन पर रविवार को एक बार फिर पथराव का मामला सामने आया है। हफ्तेभर में ट्रेन पर पथराव की यह तीसरी घटना है। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक बारोसई रेलवे स्टेशन के पास वंदे भारत C14 कम्पार्टमेंट पर पत्थर फेंके गए। इससे खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं। इस घटना के चलते ट्रेन को बोलपुर स्टेशन पर काफी देर तक रोकना पड़ा। गनीमत यह रही कि इस पत्थरबाजी में किसी यात्री को कोई चोट नहीं आई है।
30 दिसंबर को पीएम मोदी ने बंगाल में पहली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी। इसके 4 दिन बाद ही 2 जनवरी की रात मालदा में वंदे भारत पर पथराव हुआ। पत्थरबाजी कुमारगंज रेलवे स्टेशन के पास हुई। ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी से निकली थी, हावड़ा आने के दौरान मालदा स्टेशन के पास अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसके चलते कोच सी-13 का गेट और विंडो क्षतिग्रस्त हो गया।
पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने घटना को लेकर NIA जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद 3 जनवरी को हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन पर किशनगंज में पत्थरबाजी हुई थी।
पूर्वी भारत को मिला पहला वंदे भारत ट्रेन
PM मोदी ने 30 दिसंबर को देश की सातवीं वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया। यह पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन है, जो हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी। ट्रेन बुधवार को छोड़कर हफ्ते में 6 दिन चलेगी। करीब 600 KM की दूरी तय करने में इसे लगभग 7.5 घंटे का समय लगेगा। हावड़ा से यह सुबह 05:55 बजे खुलेगी। दोपहर 1.30 में न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। अपनी यात्रा के दौरान दौरान ट्रेन तीन रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी। इसमें बिहार का किशनगंज रेलवे स्टेशन भी शामिल है।
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