कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सुदूरवर्ती गांवों से नाबालिग लड़कियों की तस्करी कर बिहार के गावों के आर्केस्ट्रा में डांसरबनाकर नाच कराने के मामले का भंड़ाभोड़ हुआ है। बंगाल पुलिस ने बिहार के विक्टोरिया बाजार इलाके में छापेमारी कर दक्षिण 24 परगना जिले के दो नाबालिगों को बचाया है और उन्हें उनके परिवार के हवाले कर दिया है, लेकिन इस घटना से पुलिस और प्रशासन की आखें खोल दी है। बंगाल से बिहार हो रही महिलाओं की तस्करी के मामले को लेकर प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
हालांकि दक्षिण 24 परगना इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में महिला तस्करी के मामले नये नहीं हैं। मोटी रकम का लालच देकर डांस के काम के लिए सुंदरबन के सुदूर गांवों से बिहार ले जाने के नाम पर महिला तस्करी होती रही है।
स्थानीय पुलिस को बिहार की गिरफ्तार महिला मम्पी रॉय उर्फ काजल से पूछताछ से गिरोह के कामकाज के बारे में जानकारी मिली है।गिरफ्तार महिला ने बताया कि पहले स्थानीय युवक को पैसे के लोभ में फंसाया जाता है और स्थानीय युवक के माध्यम से इलाके के गरीब और बेसहारा परिवारों की पहचान की जाती है।
मोटी रकम का लालच देकर लड़कियों को फंसाया जाता है
पुलिस के अनुसार फिर उस परिवार की लड़कियों को पहले मोटी रकम देकर बाहर जाने का लालच दिया जाता है और यदि उसके परिवार के लोग इसके लिए तैयार हो जाते हैं, तो फिर उन्हें पैसे देकर बिहार या फिर देश के अन्य राज्यों में ले जाया जाता है और उनसे डांसर या अन्य अनैतिक काम तक कराए जाते हैं।
पुलिस ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा कि लगभग एक साल पहले पुलिस ने इसी तरह से मामले में पुलिस ने एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। राकेश तिवारी नाम का व्यक्ति को आमतला निवासी जयंत मंडल की पत्नी राखी मंडल को जबरन डांस कराने के लिए बिहार ले जाने का आरोप लगा था। आरोप है कि वह बदले में मोटी रकम देने का भी लालच दे रहा था, लेकिन जयंत मंडल इतना पैसा पाने का ऑफर मिलने के बावजूद अपनी पत्नी को भेजना नहीं चाहता था।
पुलिस ने बताया कि राकेश न केवल राखी मंडल, बल्कि आस-पास के इलाकों की कई अन्य महिलाओं को भी बिहार में नृत्य करने के लिए ले जाने की कोशिश कर रहा था। यहीं पर जयंत बाबू को शक हुआ और उसने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
महिला तस्करी के मामले में बंगाल है शीर्ष पर
पुलिस राकेश तिवारी ने पहले स्थानीय एक महिला रत्ना सरकार के साथ शादी की थी। वह अपनी पत्नी के साथ रहता था. वह सुंदरबन की दूर-दराज की लड़कियों और युवतियों को बिहार ले जाने और उन्हें डांसर के काम में लगाने के लिए रत्ना का इस्तेमाल करता था। आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि आरोपी सुंदरबन इलाके से सात से आठ अन्य महिलाओं को पहले ही बिहार ले जा चुका है। पुलिस का कहना है कि महिला तस्करी में शामिल गिरोह इसी तरह से गांवों की महिलाओं और लड़कियों को अपनी जाल में फंसाता है।
एक गैर-सरकारी संगठनों की रिपोर्ट के अनुसार इस देश में हर साल 10 लाख से अधिक महिलाओं और बच्चों की तस्करी की जाती है।पश्चिम बंगाल इसके टॉप पर है. कोलकाता, आसनसोल, सिलीगुड़ी और हावड़ा तस्करी के प्रमुख केंद्र हैं। तस्कर 24 परगना, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, मुर्शिदाबाद जैसे जिलों से महिलाओं और बच्चों को मोटी तनख्वाह का लालच देकर बड़े शहरों में ले जा रहे हैं। तस्करी किए गए बच्चों में दो तिहाई लड़कियां हैं. इनका इस्तेमाल यौनकर्मी के रूप में या फिर बार डांसर के रूप में किया जाता है।
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