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बजट 2023: हंसाएगा या रुलाएगा आम बजट ? जानिए PM मोदी ने दिया क्या क्लू !

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यूनिवर्स टीवी डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत का बजट आम नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा और साथ ही दुनिया के लिए आशा की किरण भी बनेगा। संसद के बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की दुनिया की जानी-मानी आवाजें देश के लिए सकारात्मक संदेश ला रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तकरार होगी लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि इस दौरान विपक्षी सदस्य तैयारी के साथ तकरीर भी करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आज की वैश्‍विक परिस्‍थिति में भारत के बजट की तरफ न सिर्फ भारत का, बल्कि पूरे विश्‍व का ध्‍यान है।
बताया कैसा होगा बजट
विश्‍व की डांवाडोल आर्थिक परिस्‍थिति में भारत का बजट भारत के सामान्‍य जन की आशा-आकांक्षाओं को तो पूरा करने का प्रयास करेगा ही, लेकिन विश्‍व, जो आशा की किरण देख रहा है उसे वह और अधिक प्रकाशमान पाएगा।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भरपूर प्रयास करेंगी।”
सरकार के लिए भारत सर्वप्रथम, नागरिक सर्वप्रथम है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार की कार्य संस्कृति के केंद्र बिंदु में ‘‘भारत सर्वप्रथम, नागरिक सर्वप्रथम” रहा है और उसी भावना को लेकर बजट सत्र में आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बजट सत्र में तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए। मुझे विश्वास है हमारे विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ, बहुत बारीकी से अध्ययन करके सदन में अपनी बात रखेंगे। देश के नीति निर्धारण में सदन बहुत ही अच्छे तरीके से चर्चा करके अमृत निकालेगा जो देश के काम आएगा।’
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। संसद के केंद्रीय कक्ष में लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत हुई। सत्र के पहले दिन, दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पटल पर रखा गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट बुधवार को पेश किया जाएगा। बजट सत्र में कुल 66 दिन में 27 बैठकें होंगी। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा। 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्रवाई नहीं होगी और इस दौरान विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी और अपने मंत्रालयों और विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर 6 अप्रैल तक चलेगा।


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