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बांग्लादेशी तस्करों ने बीएसएफ जवानों पर बोला हमला, जवाबी कार्रवाई में एक ढेर

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कोलकाता। भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की फायरिंग में मेखलीगंज का जमालदह में बांग्लादेशी तस्करों ने बीएसएफ पर हमला बोला। जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ जवानों ने एक बांग्लादेशी तस्कर को मारा गया। जमालदह सरकारपाड़ा इलाके में मिलिरोपा बीओपी के पास भारतीय सीमा पर यह घटना घटी। बांग्लादेश का तेपुरगारी इलाका सीमा के दूसरी तरफ है. सीमा पर बीएसएफ और बीजीबी ने सुरक्षा कड़ी कर दी है।
बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की सुबह करीब 2 बजे करीब 10-15 लोगों का बांग्लादेशियों का एक समूह भारतीय सीमा में घुस आया और बाड़ को काटने की कोशिश की।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार बाद में जब बॉर्डर गार्ड फोर्स के जवानों ने उन्हें रोका तो बांग्लादेशियों ने ड्यूटी पर तैनात जवानों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. उस वक्त बीएसएफ ने आत्मरक्षा में सात राउंड फायरिंग की थी। बता दें कि बांग्लादेश की सीमा पर तस्करों को रोकने के लिए बीएसएफ लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक विवाद भी होते रहे हैं। तृणमूल ने केंद्र सकरार पर राजनीतिक हितों के लिए बीएसएफ का इस्तेमला का आरोप लगाया है।
पिछले साल 17 मार्च को कूचबिहार के माताभंगा में बीएसएफ की फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई थी। वह बांग्लादेशी नागरिक था। उस वक्त खबर आई थी कि घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ को फायरिंग करनी पड़ी थी।उस घटना के साथ तस्करी का कनेक्शन भी उजागर हुआ था।
बीएसएफ पर टीएमसी ने लगाया था राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप
इसके बाद 10 अप्रैल को कूचबिहार के सित्तई में बीएसएफ द्वारा फायरिंग की घटना सामने आई थी। इससे तीन मौतें हुई थी। बीएसएफ ने बताया था कि वे कंटीले तारों के पार मवेशियों की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। उसी दौरान फायरिंग में यह हादसा हुआ था। पिछेल साल 14 दिसंबर को कूचबिहार के मेखलीगंज में बीएसएफ की फायरिंग में दो लोगों की मौत सामने आई थी। रात के अंधेरे में बैरागीहाट के सीमावर्ती इलाके में कई बार फायरिंग हुई। दिनदहाड़े दो शव बरामद किए गए थे. उस घटना में भी गौ तस्करी के आरोप लगे थे।
पिछले साल 15 दिसंबर को कूचबिहार में बीएसएफ के एक अधिकारी की मौत फिर सामने आई. वह बांग्लादेशी नागरिक बताया गया था। बीएसएफ ने कहा था कि मृतक तस्करी में शामिल था। बीएसएफ का दावा था कि वह गौ तस्करी में शामिल था, लेकिन परिवार का दावा था कि वह बेंगलुरु में मजदूरी करता था। छुट्टी पर घर आया था. इसे लेकर टीएमसी ने बीएसएफ पर जमकर निशाना साधा था।


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