बिहार
2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा सियासी दांव खेला है। अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर शाहाबाद क्षेत्र के डेहरी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कहा कि इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता में वापसी के लिए नहीं, बल्कि दो-तिहाई बहुमत से NDA सरकार बनाने के लिए लड़ा जाएगा।
🎯 शाहाबाद में 80% सीटें जीतने का लक्ष्य
अमित शाह ने शाहाबाद अंचल की 80 प्रतिशत विधानसभा सीटें जीतने का स्पष्ट लक्ष्य तय करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा:
“यह चुनाव केवल संख्या का नहीं, संदेश का है — कि बिहार अब ठोस विकास के रास्ते पर चल चुका है।”
शाहाबाद क्षेत्र में भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिले आते हैं, जहां कुल मिलाकर लगभग 30 विधानसभा सीटें हैं। यानी शाह का लक्ष्य कम से कम 24 सीटों पर जीत दर्ज करना है।
🔹 नीतीश कुमार की तारीफ, विपक्ष पर तीखा हमला
शाह ने अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि:
“एनडीए सरकार ने बिहार के विकास को नई दिशा दी है। कानून-व्यवस्था, सड़क, बिजली और योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है।”
वहीं उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी को आड़े हाथों लिया:
- राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को “सिर्फ दिखावा” बताया।
- लालू प्रसाद यादव पर सीधा हमला करते हुए कहा: “लालू जीवन भर मुख्यमंत्री रहे, फिर भी नीतीश कुमार की बराबरी नहीं कर सकते।”
🔸 भाजपा की विचारधारा: कार्यकर्ता ही असली ताकत
अमित शाह ने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को बाकी दलों से अलग बताया। उन्होंने कहा:
“दूसरी पार्टियों में नेता चुनाव जीतते हैं, भाजपा में कार्यकर्ता चुनाव जिताते हैं। हमारे यहां बूथ अध्यक्ष भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है।”
✅ विकास और विजन का संकल्प
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि:
- मोदी और नीतीश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को घर-घर तक पहुंचाना जरूरी है।
- उन्होंने कार्यकर्ताओं से विकास, स्थिरता और मजबूती का संकल्प लेने की अपील की।
📌 राजनीतिक संदेश स्पष्ट: समझौते नहीं, सीधी बहुमत की तैयारी
अमित शाह की इस यात्रा और बयानों से साफ संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा और एनडीए 2025 के बिहार चुनाव में कोई सियासी समझौता करने के मूड में नहीं हैं। उनका लक्ष्य है — स्वयं बहुमत में आकर मजबूत सरकार बनाना, न कि किसी दल के समर्थन पर निर्भर रहना।