पटना। बिहार चुनाव 2025 के पहले और दूसरे चरण के लिए कुल 243 सीटों के लिए 2,616 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिसमें से पहले चरण में 1314 तो दूसरे चरण में 1302 उम्मीदवारों के बीच टक्कर है। यह संख्या झारखंड से विभाजन के बाद हुए शुरुआती चुनावों की तुलना में कहीं कम है। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि पिछले ढाई दशकों में बिहार के चुनावी मैदान में उम्मीदवारों की संख्या लगातार घटती गई है।
कुल उम्मीदवारों का घटता ग्राफ
वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 3,941 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे। लेकिन 2025 आते-आते यह संख्या घटकर 2,616 रह गई है। यानि 25 साल में चुनावी मैदान से लगभग 1300 उम्मीदवार कम हो गए। बिहार में झारखंड अलग होने के बाद जब 2000 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था, तब लगभग हर सीट पर 15 से ज्यादा प्रत्याशी होते थे। लेकिन अब यह औसत घटकर लगभग 10 रह गया है।
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│ चुनाव वर्ष │ कुल उम्मीदवारों की संख्या │
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│ 2000 (फरवरी) │ 3,941 │
│ 2005 (फरवरी) │ 3,193 │
│ 2005 (अक्टूबर-नवंबर) │ 2,135 │
│ 2010 │ 3,547 │
│ 2015 │ 3,145 │
│ 2020 │ 3,711 │
│ 2025 │ 2,616 │
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निर्दलियों की संख्या में भारी गिरावट
उम्मीदवारों की संख्या में कमी का सबसे बड़ा कारण निर्दलीय प्रत्याशियों की सफलता दर में आई भारी गिरावट है। एक समय था जब बिहार की राजनीति में निर्दलियों का खासा बोलबाला होता था। 2000 के चुनाव में 20 से अधिक निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, 2020 में यह संख्या सिमटकर केवल 1 रह गई थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जैसे-जैसे एनडीए (NDA) और महागठबंधन (INDIA) जैसे दो ध्रुवीय गठबंधन मजबूत हुए हैं, मतदाताओं ने ‘या तो यह, या वह’ की नीति अपना ली है, जिससे निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत की संभावना लगभग खत्म हो गई है।
महिलाओं की भागीदारी
पिछले 25 वर्षों में महिला प्रत्याशियों की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन उनका जीत प्रतिशत लगभग स्थिर रहा है। 2000 में महिला उम्मीदवारों की संख्या मात्र 136 थी। वहीं, 2020 में यह संख्या रिकॉर्ड 371 उम्मीदवारों तक पहुंच गई। इस बार की बात करें तो कुल 258 महिलायें चुनावी मैदान में हैं।
परिणाम की बात करें तो 2010 में 307 महिला उम्मीदवारों में से 34 (सर्वाधिक) ने जीत हासिल की थी, वहीं 2020 में 371 महिला उम्मीदवारों में से केवल 26 ही जीत पाईं।
बिहार चुनाव 2025 में नए चेहरों पर दांव
वर्तमान 2025 के चुनाव में कुल 2,616 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें से 1,085 प्रत्याशी (करीब 41%) पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों प्रमुख गठबंधनों ने नए चेहरों पर बड़ा दांव खेला है। NDA ने कुल 243 सीटों में से 23% यानी 56 नए चेहरों को मौका दिया गया है। वहीं महागठबंधन में 37% यानी 92 उम्मीदवार पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसमें आरजेडी ने सबसे ज्यादा 49 नए चेहरों पर भरोसा जताया है।