विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है। कभी उनके सबसे करीबी नेताओं में शामिल रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी बगावत के बाद भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि हाल ही में केंद्र सरकार से जेड श्रेणी सुरक्षा पाने के बाद शुभेंदु गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय दौरे के दौरान बीजेपी की सदस्यता हासिल करेंगे।
अधिकारी के सहयोगियों और बीजेपी नेताओं ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि अधिकारी के ज्वाइनिंग को लेकर तैयारी चल रही है। शुभेंदु अधिकारी की टीएमसी लीडरशिप से बगावत और मतभेदों को दूर करने की कोशिशों के असफल रहने के साथ ही अटकलें लगाईं जा रही थीं कि वह भगवा कैंप में शामिल हो सकते हैं।
अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को बंगाल में रहेंगे। वह कम से कम तीन जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे, जिनमें पूर्वी मिदनापुर भी शामिल है, जहां अधिकारी, उनके पिता और दो भाई दो लोकसभा क्षेत्रों और एक विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिविक बॉडी का प्रतिनिधित्व भी अधिकारी परिवार के पास ही है। शुभेंदु नंदीग्राम सीट से विधायक हैं।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार दोपहर बताया, ”अभी तक के फैसले के मुताबिक, ना तो शाह और ना ही पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा बीजेपी ज्वाइन कराने के लिए सार्वजनिक रूप से उनके हाथ में पार्टी का झंडा थमाएंगे। बंगाल के बीजेपी चीफ दिलीप घोष या दूसरे राष्ट्रीय नेता की ओर से उन्हें सदस्यता दिलाई जाएगी।” हालांकि, घोष ने इस पर कॉमेंट करने से इनकार किया।
टीएमसी से बगावत के बाद पिछले महीने ममता कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले 50 वर्षीय नेता शुभेंदु अधिकारी गुरुवार को दिल्ली जाकर बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व से बात कर सकते हैं। टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने निजी रूप से बताया कि अधिकारी ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से नाखुश हैं, जिन्हें 2019 चुनाव में बीजेपी को मिली बड़ी सफलता के बाद उतारा गया।
अधिकारी ने एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम में मंगलवार सुबह कहा, ”जिन लोगों ने मेरा अपमान किया है उनका आने वाले चुनाव में वही हाल होगा, अनिल बासु, बेनॉय कोनार और लक्ष्मण सेठ का हुआ।” अधिकारी ने जिन तीन सीपीआई (एम) नेताओं का जिक्र किया उन्हें चुनाव में हार और अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
अधिकारी ने कहा, ”याद रखना चाहिए कि नंदीग्राम में भूमि आंदोलन जनता का आंदोलन था किसी व्यक्ति का पार्टी का नहीं।” उनका बयान इसलिए अहम है क्योंकि अधिकारी ने ही भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन चलाया था। 14 मार्च 2007 को पुलिस फायरिंग में नंदीग्राम में 14 ग्रामीण मारे गए थे।
दो दिन पहले ही टीएमसी से निकाली गईं अधिकारी की सहयोगी कनिष्का पांडा ने कहा, ”शुभेंदु अधिकारी खुद इस बात की घोषणा करेंगे कि वह कब बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं। टीएमसी और प्रशांत किशोर देखेंगे कि सत्ताधारी पार्टी की नीतियों की वजह से कई लोग भगवा कैंप में शामिल होंगे।”
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