कूचबिहार। ठंड का मौसम भ्रमण के प्रेमियों के लिए अलग ही महत्व रखता है। कूचबिहार के सीमांत इलाके में एकमात्र रसिकबील जू पर्यटन केन्द्र देश विदेश में काफी लोकप्रिय है और कोरोना संकट के पहले यहाँ ठड़ पड़ने पर काफी संख्या में पर्यटक आते थे। लेकिन कोरोना संकट कम होने के बाद इस जू पर्यटन केन्द्र को खोल तो दिया गया है, लेकिन पर्यटक नहीं आ रहे है। हकीकत यह है कि ठंड पड़ने के बाद भी बेहाल रास्ते के कारण रसिकबील से पर्यटक मुंह फेर ले रहे हैं।
कूचबिहार के सीमांत इलाके में एकमात्र रसिकबील जू पर्यटन केन्द्र है। जहां उत्तर बंगाल सहित असम से भी बहुत लोग यहां घूमने आते हैं। रसिकबील में मूलत:चीता, हिरण, कैटफिश, मोर, अजगर सहित विभिन्न प्रकार के पक्षी देखने को मिलते हैं। अन्य वर्ष में यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। साथ ही यहां के रेस्तरां में अच्छी खासी भीड़ रहती है। लेकिन फिलहाल यहां पर्यटक नदारद हैं।
दो वर्षों से कोरोना काल काटकर इस बार तूफानगंज हरिपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से लें रसिकबील कामाख्यागुड़ी राज्य सड़क काफी दिनों से बेहाल होने के कारण पर्यटक यहां नहीं आ रहे हैं, ऐसा स्थानीय व्यवसायियों का मानना है। उनके कहना है कि समस्या से स्थानीय प्रशासन को अवगत कराने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ।
पांच साल पहले उस रास्ते की मरम्मत की गई थी और तभी से बेहाल हालत में है। पूजा से कुछ स्थानों पर चिप्पी लगाने का काम किया गया था। लेकिन वह भी खराब होने लगी हैं। इससे व्यवसाई बहुत नाराज़ हैं।
विक्रम बर्मन नामक एक व्यवसाई ने बताया कि इसी बेहाल रास्ते से बस, डंपर वह अन्य गाड़ियां गुजरती हैं। इस कारण रास्ते की हालत और खराब हो गई है। एक अन्य व्यवसाई ने बताया कि पूरा रास्ता धूल से भरा होता है और इसी कारण दुकान और दुकान में रखे सामान धूल से भर जाते हैं। नौ किलोमीटर लंबे इस रास्ते की मरम्मत नहीं होने से ही पर्यटक रसिकबील नहीं आ रहे हैं।
Comments are closed.