जलपाईगुड़ी। रविवार को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से शारदा मां का जन्मोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से ही जलपाईगुड़ी रामकृष्ण मिशन आश्रम में भक्तों की भीड़ देखी गई। सुबह मां शारदा देवी की आरती और पुष्पांजलि कर उनके प्रति लोगों ने अपनी श्रद्धा अर्पित की। दोपहर में भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर रक्तदान शिविर का भीआयोजन किया गया। इस दिन सुबह से ही आश्रम में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई।
आपको बता दें कि मां श्री शारदा देवी का जन्म (बांकुड़ा) बंगाल स्थित जयरामबाटी नामक गांव में 1853 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्री रामचन्द्र मुखोपाध्याय और माता का श्रीमती श्यामा सुन्दरी देवी था। श्री मां शारदा देवी मनुष्यों, जीवधारियों और निर्जीव वस्तुओं से प्रेम करती थीं। उनकी दृष्टि से कोई वंचित नहीं है। मां शारदा ने अपने उपदेश में कहा था चित्त ही सबकुछ है। मन को ही पवित्रता और अपवित्रता का आभास होता है। एक मनुष्य को पहले अपने मन को दोषी बनाना पड़ता है, ताकि वह दूसरे मनुष्य के दोष देख सके।
माँ शारदा देवी (1853-1920) स्वामी रामकृष्ण परमहंस की पत्नी थी। शारदा देवी एक महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व थी रामकृष्ण की मृत्यु के बाद रामकृष्ण आंदोलन का नेतृत्व करने में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
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