भुवनेश्वर एम्स से कोलकाता के ईडी दफ्तर लाये गए पार्थ चटर्जी, कोर्ट ने हर 48 घंटे पर मेडिकल टेस्ट का दिया आदेश
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत के आदेश के बाद कोलकाता में सीजीओ परिसर पहुंचे। शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 10 दिनों की हिरासत में भेजे गए पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को इलाज के लिए भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया था। यहां एम्स, भुवनेश्वर के डॉक्टरों ने कहा कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। ईडी ने अस्पताल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पार्थ चटर्जी को 10 दिनों के लिए हिरासत में देने का अनुरोध किया था।
वहीं मंत्री की जमानत याचिका खारिज करते हुए बैंकशाल कोर्ट में ईडी की विशेष अदालत के न्यायाधीश जीबोन कुमार साधू ने मंत्री और उनकी करीबी माने जाने वाली अर्पिता मुखर्जी को तीन अगस्त तक के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 22 जुलाई को गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को तीन अगस्त को फिर से यहां पेश किया जाए।
एयर एम्बुलेंस से गए थे भुवनेश्वर एम्स
दरअसल ईडी ने पार्थ चटर्जी (69) को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को ईडी को पार्थ चटर्जी को एयर एम्बुलेंस से एम्स भुवनेश्वर में ले जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद सोमवार को उन्हें एम्स ले जाया गया। वहीं एम्स के कार्यकारी निदेशक आशुतोष विश्वास ने कहा कि हमने पार्थ चटर्जी के रक्त, किडनी, थॉयराइड और हृदय संबंधी जांच की है। उन्हें कुछ गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है।
हाईकोर्ट को भेजी मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट
आशुतोष विश्वास ने कहा कि उच्च न्यायालय को पार्थ चटर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति से जुड़ी रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि वह जिन लक्षणों के साथ अस्पताल आए थे, वे बहुत गंभीर नहीं हैं। सीने में इतना दर्द नहीं था। टीएमसी नेता लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं और एम्स ने उनके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उसमें कुछ बदलाव करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अगला कदम उठाया जाएगा।
पार्थ चटर्जी थे शिक्षा मंत्री
बता दें कि कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। कोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से अनियमितताओं की जांच करने को कहा था. ईडी भी घोटाले की जांच कर रही है। उसने कोर्ट से पार्थ मुखर्जी को भी 13 दिनों के लिए रिमांड मांगी थी।
Comments are closed.