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महाराष्ट्र के अकोला में धार्मिक पोस्ट को लेकर हालात तनावपूर्ण, 1 मरा, दस घायल, विपक्ष ने साधा शिंदे सरकार पर निशाना

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मुंबई। महाराष्ट्र के अकोला शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच झड़प हो जाने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि पुलिस ने संवेदनशील ‘ओल्ड सिटी’ इलाके में शनिवार को रात करीब साढ़े 11 बजे हुई झड़प के संबंध में अब तक 45 लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि रविवार रात अहमदनगर के शेवगांव तहसील में भी दो गुटों के बीच पथराव हुआ है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अकोला शहर के पुराना शहर क्षेत्र के हरिहर पेठ, पोला चौक, जय हिंद चौक में भारी भीड़ सड़कों पर उतरी और वाहनों को निशाना बनाया गया तथा पत्थरबाजी की गयी। इसके बाद पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर दी। बताया जा रहा है कि चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अकोला में फैली हिंसा के मामले में अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इलाके में इंटरनेट बंद है और स्कूलों व कॉलेजों की परीक्षाएं स्थगित कर दी गयी हैं। बताया जा रहा है कि ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने दंगा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद चेतावनी दी है कि हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवायी जायेगी।
इस बीच, जिला मजिस्ट्रेट नीमा अरोड़ा की ओर से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के चार पुलिस थाना क्षेत्रों में आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गयी है ताकि लोगों को गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने से रोका जा सके। वहीं पुलिस अधीक्षक (एसपी) संदीप घुगे ने बताया कि किसी सोशल मीडिया मंच पर एक धार्मिक पोस्ट के वायरल हो जाने के बाद हिंसा हुई। एसपी संदीप घुगे ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति की मौत हो गई और दस अन्य लोग घायल हो गए। घायलों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो दंगाइयों द्वारा पथराव किए जाने के दौरान घायल हो गए थे।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं और इस घटना के संबंध में 45 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोनिका राउत ने बताया कि दोनों समूहों के सदस्यों ने एक दूसरे पर पथराव किया। इस दौरान कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। मोनिका राउत ने बताया कि पुलिस ने दंगाइयों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया और हालात अब काबू में हैं। एएसपी मोनिका राउत ने बताया कि घटना के बाद शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अमरावती से राज्य रिजर्व पुलिस के एक हजार कर्मियों को अकोला शहर में तैनात किया गया है। राउत ने नागरिकों से अपील की कि वे घबराए नहीं और किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने यह भी बताया है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री और अकोला जिले के संरक्षक मंत्री देवेंद्र फडणवीस स्थिति पर नजर रख रहे हैं। फडणवीस ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
वहीं दूसरी ओर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा है कि इस मामले में राज्य के गृह मंत्री को बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें राजनीति से फुर्सत होगी तो वो कानून-व्यवस्था के बारे में सोचेंगे और बोलेंगे। संजय राउत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस राज्य के गृह मंत्री को महाराष्ट्र के कानून-व्यवस्था से मतलब नहीं है क्योंकि वो 24 घंटे राजनीति में व्यस्त रहते हैं।


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