डेस्क । हर मां अपने बच्चे के लिए बेस्ट फूड और पोषण चाहती है। पैरेंट्स अपने बच्चे की ग्रोथ पर बड़ी पैनी नजर रखते हैं। जब बच्चे बड़ा होता है, तो उसे देखकर मां-बाप कको सबसे ज्यादा खुशी होती है। हालांकि, एक सर्वे में सामने आया है कि एक बड़ी समस्या है जिसे भारतीय पैरेंट्स नजरअंदाज कर देते हैं। एक्सपर्ट्स ने पाया कि भले ही बच्चों की लंबाई बढ़ रही हो, लेकिन हो सकता है कि हाइट के हिसाब से उनका वजन नहीं बढ़ पा रहा हो और ये आपकी एक गलती की वजह से होता है जिसके बारे में आपको पता तक नहीं चल पाता है।
यहां हुआ है सर्वे
हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण (एनएचएफएस) द्वारा किए गए एक अध्ययन में विशेषज्ञों ने भारतीय बच्चों और उनके पोषण से जुड़े कुछ बेहद दिलचस्प तथ्यों का निष्कर्ष निकाला है। उन्होंने देखा है कि पांच वर्ष से कम आयु के अधिकांश बच्चों ने अपनी उम्र के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकीकरण को प्राप्त कर लिया है। हालांकि, पिछले एक दशक में उनके वजन में लगभग कोई सुधार नहीं हुआ है। यह ‘वेस्टिंग’ और ‘स्टंटिंग’ नामक स्थिति की ओर ले जाता है।
भारत में भले ही पैरेंट्स अपने बच्चे की डाइट पर बहुत ध्यान देते हों लेकिन वो इस मामले में कुछ गलतियां भी कर बैठते हैं जिनके बारे में आगे बताया जा रहा है।
पहले दो सालों में सही पोषण ना मिल पाना
बच्चों की ग्रोथ के लिए पहले दो साल बहुत अहम होते हैं। अगर बच्चे को इस समय सही पोषण मिल जाए तो हो सकता है कि आगे के ग्रोथ फेज में बच्चे की हाइट बढ़ जाए लेकिन वो बहुत पतला हो। वहीं अगर बच्चे को सही भोजन ना दिया तो उसका हाइट के हिसाब से वजन ही नहीं बढ़ पाएगा। पेट खराब होने, इंफेक्शन और एलर्जी सब बच्चे के खानपान को प्रभावित करते हैं।
सिर्फ क्वांटिटी पर ध्यान देना
इंडिया में बच्चे को खाना खिलाने का कुछ ऐसा चलन है कि यहां पर उसे जबरदस्ती ठूस-ठूस कर खिलाया जाता है। मां हमेशा ये कोशिश करती है कि बच्चे की प्लेट में ज्यादा खाना परोसे। हालांकि, आपको यह समझने की जरूरत है कि बच्चे को कितना खाना दे रही हैं इसके साथ ही ये भी महत्वपूर्ण है कि आप उसे खिला क्या रही हैं। हो सकता है कि खाना खाकर बच्चे का पेट भर जाए लेकिन क्या उसकी पोषण की जरूरत पूरी होती है?
पैकेटबंद फूड खिलाना
घर का बना खाना बच्चों की डाइट के लिए बेस्ट होता है। हालांकि, कभी समय की कमी या अन्य किसी कारण से हम बच्चे को पैकेटबंद फूड खिला देते हैं जिनमें एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं जो बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आयरन रिच फूड ना खिलाना
इस सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि भारत में पांच साल से कम उम्र के लगभग 58 पर्सेंट बच्चे एनीमिया से पीडित हैं। इसका मतलब है कि इनके खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम है। यह बच्चे की हाइट और वेट को प्रभावित कर सकता है। इसका एक कारण है कि बच्चे के खानेमें अंडा, पोल्ट्री और दालों जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का शामिल ना होना।
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