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मालदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई तीन, 3 का चल रहा है इलाज, कानून व्यस्था को लेकर उठे सवाल

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मालदा । पश्चिम बंगाल का मालदा जिला हमेश हिंसा और अपराध की वजह से लगातार सुर्खियों में रहता है। रविवार को भयानक विस्फोट से मालदा जिले के मानिकचक के गोपालपुर इलाके इलाका थर्रा गया था। इस धमाके में कल दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो हुए हैं। माणिकचक में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब तीन हो गयी। फ़िलहाल एक घायल का मालदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है और दो अन्य का गंभीर हालत में मालदा शहर के जादूपुर गबगाछी क्षेत्र के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है। तीनों को एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। रविवार देर रात सुलेमान अली (25) नाम के युवक की मौत हो गई। नर्सिंग होम में सलीम शेख (20) और खबीरुद्दीन शेख (23) का इलाज चल रहा है, जबकि हाजीबुल शेख (25) का मालदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है। फरजान अली (45) और शफीकुल इस्लाम (30) की पहले ही मौत हो चुकी है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें किस सूत्रों के अनुसार गोपालपुर के एक बगीचे में बम बनाने का काम चल रहा था, तभी यह धमाका हुआ और दो लोगों की मौत हो गई। बाद में देर रात एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। विस्फोट स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बम बनाने वाले उपकरण कहां से आए, कितने लोग शामिल थे और इनका मकसद क्या था? पुलिस स्थानीय लोगों से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि घटना के वक्त वहां कोई और मौजूद था या नहीं।
कथित तौर पर इस इलाके में तृणमूल नेता सैफुद्दीन और नासिर अली के बीच तकरार लंबे समय से चल रही है। इसके कारण इलाके में कई बार बमबाजी की घटना घट चुकी है। पिछले दिनों भी इलाके में भारी बमबारी की गई थी और घरों में तोड़फोड़ की गई थी। आरंभिक जानकारी के अनुसार गोपालपुर के लगभग सभी गांव तृणमूल के कार्यकर्ता हैं। इलाके में बम बनाने का काम चल रहा था। उसी समय अचानक बम धमाका हुआ।
गौरतलब है कि इस दिन के विस्फोट से राज्य में कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। अपराधियों का जत्था सबका ध्यान भटकाते हुए बम बनाने वाले उपकरण लेकर बगीचे में कैसे घुसा, बम नहीं फटा तो मामला सुलझ गया होता, स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी उठता है कि आखिर कैसे बम बनाने वाले उपकरणों के साथ गिरोह सबका ध्यान भटकाकर इतनी दूर तक जा सकता है। गौरतलब है कि बोगटुई नरसंराह के बाद साल की शुरुआत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बम और हथियार बरामद करने के लिए पूरे राज्य में छापेमारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद से आए दिन बम और हथियार बरामद होने की घटनाएं सामने आती रही हैं।


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