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मालदा मेडिकल कॉलेज में फिर एक नवजात की मौत , अस्पताल पर लगा चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप 

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मालदा: मालदा मेडिकल कॉलेज में शिशु मृत्यु दर जारी। रविवार की रात को छह दिन के नवजात की मौत से एक बार फिर हड़कंप मच गया । बच्चे के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने रात में ही  विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने चिकित्सकीय लापरवाही के आरोपों से इंकार किया है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि रक्त संक्रमण के कारण बच्चा जन्म से ही बीमार था। मालदा मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार वैष्णवनगर थाना क्षेत्र के चौक बहादुरपुर गांव का  निवासी प्रकाश मंडल ने 13 सितंबर को अपने नवजात बेटे को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। नवजात का उपचार बाल विभाग में चल रहा था। रविवार की रात बच्चे की मौत हो गई।  संबंधित अधिकारियों के अनुसार, चार दिनों में मेडिकल कॉलेज में कुल 7 बच्चों की मौत हुई है । 50 से अधिक बच्चों का अभी भी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। बच्चे की मौत के विरोध में सीपीएम के जिला नेतृत्व ने मालदा शहर में जुलूस निकाला तथा मेडिकल कॉलेज में शिशु मृत्यु दर के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया। बाद में पार्टी की ओर से मालदा मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को एक डेपुटेशन दिया गया।
पार्टी के जिला नेता तुषार गोस्वामी ने कहा कि बच्चों की मौत को रोकने और उचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने समेत  विभिन्न मांगों के समर्थन में  मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को डेपुटेशन दिया गया है  । मेडिकल कॉलेज के उपाध्यक्ष डॉ. पुरंजय साहा ने कहा कि एक दल ने विभिन्न मांगों को लेकर डेपुटेशन दिया है। उनकी बातों को गंभीरता से लिया जा रहा है। हालांकि, शिशु मृत्यु दर के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है। मेडिकल कॉलेज में बच्चों के इलाज के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी हालत पहले से ही खराब थी। इलाज के अलग-अलग तरीके आजमाएं गए पर उन बच्चों को बचाया नहीं जा सका। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बच्चों के समुचित इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।


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