मूवी रिव्यू
Authored : रेखा खान
Produced by स्वपनल सोनल
ऐक्टर:टाइगर श्रॉफ,अमिताभ बच्चन,कृति सेनन,एली अवराम,रहमान,जमील खान,गिरीश कुलकर्णी,श्रुति मेनन,जैद बाकरी
डायरेक्टर : विकास बहलश्रेणी
क्रिटिक रेटिंग
2.5/5
डेस्क । फिल्ममेकर विकास बहल की फिल्म ‘गणपत’ को डायस्टोपियन एक्शन फिल्म कहा जा रहा है। डायस्टोपियन फिल्म का मतलब, एक ऐसी मूवी से है जो भविष्य की एक ऐसी काल्पनिक दुनिया पर आधारित होती है, जहां आदर्श समाज नहीं है। संसाधन खत्म हो चुके हैं, अपराध, भ्रष्टाचार, अमीरी-गरीबी और असमानता की गहरी खाई है। ‘चिल्लर पार्टी’, ‘क्वीन’, ‘सुपर 30’ और ‘गुड बाय’ जैसी फिल्मों के निर्देशक विकास बहल ने ‘गणपत’ के रूप में एक डायस्टोपियन फिल्म देने की कोशिश तो की है, लेकिन कमजोर कहानी के कारण वह अपने इस प्रयोग में असफल साबित होते हैं।
‘गणपत’ की कहानी
कहानी की शुरुआत होती है, भविष्य की एक ऐसी ही दुनिया से, जहां दर्शकों को दलपति (अमिताभ बच्चन) का वॉयस ओवर सुनाई देता है। वो एक ऐसी जंग के बारे में बताता है, जिसके परिणाम स्वरूप दुनिया का तकरीबन सर्वनाश हो चुका है। मानव जाति का अस्तित्व खतरे में है। इस मौके का फायदा उठाकर पैसों की भूख रखने वाले ताकतवर लोग आधुनिक तकनीकों से लैस एक शहर सिल्वर सिटी का निर्माण करते हैं। यहां अमीर ऐशो-आराम से रहते हैं, मगर गरीबों को एक ऐसी जगह पर निकाल फेंका जाता है, जहां वे अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। ये गरीब अगर अमीरों की सिल्वर सिटी में प्रवेश करेंगे, तो मौत निश्चित है। बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के चक्कर में गरीब आपस में लड़ने-मरने लगते हैं।
बद से बदतर हालात को काबू करने के लिए दलपति एक बॉक्सिंग रिंग बनाकर नियम बनाता है कि लड़ाइयां सिर्फ बॉक्सिंग रिंग में ही होंगी, मगर सिल्वर सिटी का क्रूर और खतरनाक सरगना दलिनी अपने राइट हैंड जॉन को उनकी बस्ती में भेजता है। वह गरीबों के योद्धाओं को चालाकी से नष्ट कर देता है। पूरी बस्ती एक बार फिर बर्बादी की कगार पर आ जाती है। अब उनके लिए उम्मीद की सिर्फ एक ही किरण है, वो है दलपति की भविष्यवाणी, गणपत एक दिन आएगा और सारे दुखों को दूर कर देगा।
कहानी के दूसरे ट्रैक में रंगीन मिजाज और जांबाज गुड्डू (टाइगर श्रॉफ) है। वह सिल्वर सिटी में ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा है। उसका काम है, जॉन के लिए उन फाइटरों पर बोली लगवाना, जो जीतकर उन्हें मालामाल कर सके। मगर एक दिन जब जॉन अपनी प्रेमिका रोजी (एली अवराम) को गुड्डू के साथ रोमांटिक होते देखता है, तो वह रोजी और गुड्डू को मारने का हुक्म देता है। गुड्डू, भगवान गणपति के चमत्कार से बच जाता है। कैजाद भाग निकलने में उसकी मदद करता है और गरीबों की बस्ती में जाकर शिवा से मिलने को कहता है। गरीबों की बस्ती में आकर गुड्डू की मुलाकात जस्सी (कृति सेनन) से होती है। कृति और शिवा दोनों जान जाते हैं कि गुड्डू ही उनका तारणहार गणपत है, जिसकी भवष्यवाणी दलपति ने की थी। क्या गणपत इस बस्ती के अच्छे दिन वापिस ला पाएगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
‘गणपत’ मूवी रिव्यू
हिंदी सिनेमा में भविष्य पर आधारित डायस्टोपियन फिल्म बनाने के प्रयोग के लिए लेखक-निर्देशक विकास बहल की पहल सार्थक हो सकती थी, अगर वे कहानी को दमदार तरीके से बुनते। गरीबी-अमीरी का इमोशन हमेशा से यूनिवर्सल रहा है, मगर विकास की कहानी दर्शक के साथ अपना कनेक्ट नहीं बना पाती है। अमिताभ बच्चन, टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन जैसे स्टार-कलाकार का फायदा उठाने में विकास नाकाम रहे हैं। भविष्य की पृष्ठभूमि पर बुने गए किरदार बिखरे-बिखरे नजर आते हैं, क्योंकि कहानी के मुख्य किरदार भारतीय हैं, मगर अमीर-गरीबों की बस्ती में चाइनीज और विदेशी भी रहते हैं।
फिल्म के एक्शन पर विकास ने खूब मेहनत की है। गरीब बस्ती का उजड़ा हुआ सेट हॉलिवुड फिल्मों की तरह लगता है। गरीबों का लुक और बेबसी ‘KGF’ की याद दिलाता है, मगर कई जगहों पर VFX की कमजोरी साफ झलकती है। मुख्य किरदारों के लुक भी बहुत कन्फ्यूज करते हैं। एक बॉक्सिंग मैच को जीतकर गणपत का गरीबों को बर्बादी से बचाने का तर्क हजम नहीं होता। बैकग्राउंड स्कोर में टाइगर श्रॉफ की एंट्री पर बप्पा का म्यूजिक बचकाना लगता है। जबकि फिल्म के गाने और बेहतर हो सकते थे।
इसमें कोई दो राय नहीं कि टाइगर श्रॉफ बॉलिवुड के बेहतरीन एक्शन हीरोज में से एक हैं। पर्दे पर एक्शन करते हुए उनका लचीलापन देखते ही बनता है। वे डांस में भी अव्वल नजर आते हैं। फिल्म में उन्होंने अपने ग्रे शेड को भी खूबसूरती से निभाया है। जबकि कृति सेनन भी अपने एक्शन अवतार में दिल जीतती हैं। फाइटर लड़की के रूप में उनका लुक दमदार है। तकरीबन एक दशक पहले ‘हीरोपंती’ और फिर ‘हीरोपंती 2’ में नजर आने वाले टाइगर और कृति की केमेस्ट्री यहां भी स्ट्रॉन्ग नजर आती है। बिग बी, कैमियो में भी अपने लुक और अंदाज से प्रभाव जमाते हैं। शिवा के किरदार में राशिम रहमान ने यादगार काम किया है। स्पोर्टिंग कास्ट ठीक-ठाक है।
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