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मेघालय की राजनीति में नया ट्विस्ट : सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच ! एचएसपीडीपी ने वापस लिया समर्थन

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शिलांग। 2 मार्च को घोषित हुए चुनाव परिणाम में मेघालय की 60 सीटों में से 26 पर जीत हासिल करने वाली ने नेशनल पीपुल्स पार्टी के लिए राज्य में सरकार बनाने की राह मुश्किल होती नजर आ रही है। दरअसल, शुक्रवार को कोनराड संगमा ने राजभवन जाकर राज्यपाल को मुख्तमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपा और साथ ही नई सरकार के गठन का दावा भी पेश किया। सरकार गठन का दावा पेश करते हुए कोनराड संगमा ने राज्यपाल को 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा, जिनमें 26 एनपीपी, 2 भाजपा, 2 हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे। लेकिन, अब कोनराड संगमा को एक बड़ा झटका लगा है और हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया है।
मेघालय की राजनीति में नया ट्विस्ट
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, शुक्रवार शाम को हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक पत्र जारी करते हुए मेघालय की राजनीति में नया ट्विस्ट जोड़ दिया। पत्र में पार्टी ने लिखा कि राज्य में एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के लिए उसने विधायकों को अधिकृत नहीं किया। अपने पत्र में हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा, ‘पार्टी के टिकट पर चुने गए दोनों विधायकों- मेथोडियस डखर और शकलियर वर्जरी को आपकी सरकार को समर्थन देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। हमने मीडिया में समर्थन संबंधी रिपोर्ट देखी और उसके बाद ये स्पष्टीकरण जारी किया है।’
‘हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का कोई रोल नहीं’ हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलांग रिनथियांग ने अपना पत्र एनपीपी के अध्यक्ष कोनराड संगमा और मेघालय के राज्यपाल को भी भेजा है। पत्र में कहा गया है, ‘हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का इस मामले में कोई रोल नहीं है और इसलिए हम आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेते हैं। समर्थन वापसी का फैसला आज से ही लागू है।’
‘छोटी-मोटी अड़चनें हैं, हम सरकार बनाएंगे’
वहीं, मेघालय में हुए इस नए उलटफेर पर एनपीपी की तरफ से तुंरत कोई जवाब नहीं दिया गया, लेकिन पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि ये केवल छोटी मोटी दिक्कतें हैं और एनपीपी के पास राज्य में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल है। आपको बता दें कि शुक्रवार को राज्यपाल से मिलने के बाद माना जा रहा था कि आने वाली 7 मार्च को कोनराड संगमा मेघालय के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं। राज्यपाल से मिलने के बाद कोनराड संगमा ने कहा था, ‘सरकार गठन के लिए हमारे पास बहुमत है। भारतीय जनता पार्टी पहले ही समर्थन देने का ऐलान कर चुकी है। अन्य दलों ने भी हमारे साथ आकर सरकार गठन के लिए समर्थन दिया है।’
विपक्षी दलों के पास कितने-कितने विधायक हैं?
दूसरी तरफ शुक्रवार शाम को यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट और वॉयस ऑफ पीपुल पार्टी के नेताओं ने शिलॉन्ग में एक अहम बैठक की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में एनपीपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए एक संयुक्त फ्रंट की सरकार बनाने का फैसला लिया गया। वहीं, टीएमसी के नेता मुकुल संगमा ने बताया कि हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के दोनों विधायक शुरू में बैठक में मौजूद थे, लेकिन बाद में वो चले गए। गौरतलब है कि मेघालय चुनाव में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी को 11, कांग्रेस और टीएमसी को 5-5, वॉयस ऑफ पीपुल पार्टी को 4, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को 2 और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को भी 2 सीटें मिली हैं। यह संख्या कुल 29 बैठती है, जो बहुमत के आंकड़े से 2 कम है।


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