यूक्रेन में फंसे लोगों की शीघ्र वापसी को लेकर ममता ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
कोलकाता। यूक्रेन के हालात को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विरोध को दूर कर सब एक साथ रहे। पत्र में उन्होंने लिखा है कि ‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश की गरिमा बरकरार रहे’।
मुख्यमंत्री ने यूक्रेन के मौजूदा हालात में प्रधानमंत्री के साथ खड़े रखने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने युद्ध की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। राज्य सचिवालय नबान्न के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को बचाने के लिए और अधिक सक्रिय होने के लिए कहा और इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री उपस्थित थे। बता दें कि यूक्रेन में पश्चिम बंगाल से फंसे छात्रों और लोगों की सहायता के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों द्वारा संचालित एक राज्य नियंत्रण कक्ष खोला गया है. नियंत्रण दो पालियों में सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक कार्य कर रहा है. इस नियंत्रण कक्ष के माध्यम से बंगाल के फंसे लोगों और उनके परिजनों को मदद मुहैया कराई जा रही है।
बता दें कि यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां पढ़ाई करने गए देश के दूसरे हिस्सों समेत पश्चिम बंगाल के भी दर्जनों छात्र फंस गए है। इस बीच फिलहाल कुछ दिनों में कुछ छात्रों की वापसी हुई है, लेकिन अभी भी करीब एक दर्जन छात्र वहां अभी भी फंसे हैं. राज्य सरकार इस मामले में विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और उनकी वापसी को सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।
यूक्रेन में फंस गए हैं बंगाल के कई छात्र
बता दें कि यूक्रेन में रूस के हमले के बीच, व्यावसायिक महाविद्यालयों में पढ़ रहे बंगाल के कई विद्यार्थी वहां फंस गये हैं और उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार ने अपनी सुरक्षित वापसी के लिए मदद मांगी है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इस पूर्वी यूरोपीय देश में अध्ययनरत राज्य के विद्यार्थियों की कुल संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है और उसका आकलन किया जा रहा है।
बंगाल में रह रहे परिवार के लोगों ने जताई है चिंता
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार दक्षिण 24 परगना जिले के रायदिघी के अर्कोप्रोभो वैद्य एवं उत्तर 24 परगना जिले के बारासात के बृजेश घोष ने कीव मेडिकल कॉलेज के भूतल में शरण ले रखी है। दोनों ही वहां प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हैं। पश्चिम बंगाल एवं भारत के अन्य भागों के विद्यार्थियों के साथ ही इन दोनों ने बताया कि जब आसपास के क्षेत्रों में रूक-रूककर बमबारी की आवाज आने लगी तब उन लोगों से भूतल में चले जाने को कहा गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ हम बहुत चिंतिंत हैं, हमें यहां रूकने को कहा गया है। हमसे भारतीय दूतावास ने कहा कि वे हमें सुरक्षित तरीके से यहां से निकालने की कोशिश कर रहे हैं. जब थोड़ी शांति होती है तो हम जरूरी चीजें खरीदने बाहर जाते हैं और हमें उनके लिए बहुत ऊंची कीमत देनी पड़ती है।’’
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