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यूक्रेन से लौटे छात्रों पर बरसेगी सीएम ममता की ‘ममता’, बंगाल में ही पढ़ने की व्यवस्था करेगी राज्य सरकार

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कोलकाता । यूक्रेन से लौटे राज्य के छात्रों को यहां पढ़ने की व्यवस्था अब राज्य सरकार करने की योजना बना रही है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को नवान्न में दी। ममता बनर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि यूक्रेन के हालातों को देखते हुए उन्होंने इन छात्रों के आगे की शिक्षा के लिए देश में व्यवस्था संभव हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार से अपील की थी मगर वहां से किसी तरह के सहयोग की संभावनाओं को न देखते हुए अब राज्य के निजी कॉलेजों में इनके दाखिले की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। मालूम हो कि यूक्रेन से मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र देश के बाकी राज्यों के अलावा बंगाल भी लौटे हैं।
ममता ने कहा कि मेडिकल काउंसिल को भी इस बाबत पत्र लिखेंगे, ताकि इनके पढऩे की व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही मेडिकल सीट की संख्या बढ़ाने की भी वह केंद्र से अपील करेंगी। इस बाबत मेडिकल कमीशन से जाकर बंगाल के अधिकारी मुलाकात करेंगे। ममता ने कहा कि यह युद्धकालीन व्यवस्था है. यह वर्तमान व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगा।
ममता ने आगे कहा कि मानवीयता के आधार पर उन्होंने यह फैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार मानवीयता के आधार पर इन छात्रों के लिए फिर से पढ़ाई शुरू करने की व्यवस्था करने में राज्य सरकार की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि मेडिकल के अंतिम वर्ष में पढऩे वाले छात्रों के लिए सरकारी मेडिकल कालेजों में दाखिले की व्यवस्था की जाएगी। इंटर्नशिप की अनुमति दी जाएगी. उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी। इसके लिए मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखेंगे, ताकि चौथे और पांचवें वर्ष के मेडिकल के छात्रों को यहां इंटर्नशिप करने की अनुमति दी जाए. छठे वर्ष के छात्रों के लिए भी यही किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रूस-यूक्रेन में युद्ध के कारण इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाईबीच में ही छोड़कर वापस लौटे छात्रों के लिए पश्चिम बंगाल के मेडिकल और इंजीनियरिंग के कॉलेजों में पढ़ाई की व्यवस्था करने का ऐलान किया। छात्रों को फीस में भी रियायत दी जाएगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल सरकार ने मानवीयता के आधार पर यह फैसला किया है और यदि जरूरत पड़ी तो इस बारे में वह पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखेंगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार मानवीयता के आधार पर इन छात्रों की फिर से पढ़ाई शुरू करने की व्यवस्था लेने में मदद करेगी. ममता बनर्जी ने कहा, “मैं यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई की व्यवस्था करूंगी. मैं व्यवस्था करूंगी, ताकि इसमें कम पैसे लगे. पैसों के मामले में एक सीमा तय की जाएगी।
मेडिकल के अंतिम वर्ष में पढ़ने वाले छात्रों के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दी जाएगी. इंटर्नशिप की अनुमति दी जाएगी. उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी।मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखेंगे, ताकि चौथे और पांचवें वर्ष के मेडिकल के छात्रों को यहां इंटर्नशिप करने की अनुमति दी जाए। छठे वर्ष के छात्रों के लिए भी यही किया जाएगा. उन्होंनेन्हों कहा कि जो लोग ऑफलाइन पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए हम व्यवस्था कर सकते हैं। हम ऑनलाइन व्यवस्था भी कर सकते हैं।”
ममता बनर्जी ने कहा कि मेडिकल के प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी है, लेकिन उनके लिए भी सरकार व्यवस्था करेगी, जो छात्र फिर से पढ़ाई शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए विशेष व्यवस्था की जा सकती है। हम ऐसा करेंगे. निजी मेडिकल कॉलेजों में द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए मैं मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखूंगी, ताकि दूसरे और तीसरे वर्ष से पहले पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो।
निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकार को एक तिहाई सीटें मिलती हैं। इसलिए निजी निजी कॉलेजों में व्यवस्था की जाएगी. फीस में भी रियायत दी जाएगी. राज्य सरकार इन छात्रों की सभी ट्यूशन फीस की वित्तीय लागत छात्रवृत्ति के रूप में वहन करेगी। इन छात्रों ने बड़ी रकम खर्च की है. इसलिए राज्य सरकार उन पर अब और बोझ नहीं डालना चाहती है।


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