लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं के बीच उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। पहले चार घंटों के दौरान वोटरों के बीच चल रही लहर का अंदाजा सहज तौर पर लगाया जा सकता है। सुबह में कोहरा और ठंड के बाद भी मतदान केंद्रों पर वोटरों की कतार देखने को मिली। धूप खिलने और मौसम बेहतर होने के बाद पोलिंग बूथ पर लाइन लंबी होती गई। यह वोटिंग प्रतिशत बढ़ने के रूप में सामने आ रही है।
मतदाताओं की भारी संख्या उम्मीदवारों के दिल के धड़कन को बढ़ा रही है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अग्रेसिव पोलिंग हमेशा सत्ता विरोधी लहर का परिणाम होती है। वहीं, अगर पोल प्रतिशत कम रहे तो माना जाता है कि सत्ता के खिलाफ कोई खास लहर नहीं है। ऐसे में वे ही लोग वोट डालने के लिए निकलते हैं, जिनको एक दल विशेष को वोट देना होता है। पोल प्रतिशत औसत रहने की स्थिति में माना जाता है कि विपक्षी दलों को पड़ने वाले वोट के आधार पर ही सत्ताधारी दल के लोग मतदाताओं को निकाल कर पोलिंग बूथों तक पहुंचाते हैं। इससे दोनों ही दलों को वोट पड़ता है।पश्चिमी यूपी में मतदाताओं के बीच कुछ इसी प्रकार का रुझान आता दिख रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर अपराह्न एक बजे तक 35.03 फीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। शामली जिले में मतदाताओं के बीच वोटिंग को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। पक्ष और विपक्ष की ओर से अग्रेसिव वोटिंग का परिणाम वोटिंग प्रतिशत में दिख रहा है। यहां औसत से 6 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है। जिले में अपराह्न 1 बजे तक 41.16 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। सबसे कम वोटिंग गौतमबुद्धनगर में 30.53 फीसदी रिकॉर्ड की गई है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान 11 जिलों में सुबह 11 बजे तक 20.03 फीसदी वोटिंग हुई। सबसे अधिक मतदान शामली जिले में 22.83 फीसदी दर्ज किया गया। सबसे कम वोटिंग अलीगढ़ में 17.91 फीसदी हुआ है। हालांकि, दिन चढ़ने के बाद वोटिंग प्रतिशत में इजाफे की संभावना है।
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