लखनऊ। पुलिस मुठभेड़ को लेकर भले ही उत्तर प्रदेश की ठोको रणनीति की चर्चा होती हो, लेकिन पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा मुठभेड़ छत्तीसगढ़ के नाम है। भाजपा सांसद वरुण गांधी के एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया है कि 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2022 के बीच उत्तर प्रदेश में 117 पुलिस मुठभेड़ हुईं वहीं छत्तीसगढ़ में यह संख्या 191 तक पहुंच गई।
यूपी में पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले पांच सालों में यूपी एसटीएफ की सिर्फ एक मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में लखनऊ के ठाकुरगंज से अलकायदा आतंकी सैफुल्लाह को पकड़ा गया था। कानपुर विकास दूबे के साथ हुई मुठभेड़ यूपी एसटीएफ ने नहीं बल्कि यूपी पुलिस के खाते में दर्ज है। छत्तीसगढ़ में अधिक मुठभेड़ों की संख्या के पीछे नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ों को माना जा रहा है।
यह पूछा था वरुण ने
पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने मौतों पर गृह मंत्रालय से नकली फेक मुठभेड़ या कितने मुठभेड़ को लेकर पुलिस अधिकारियों पर कितने केस चल रहे हैं। इसमें कितने दोषी पाए गए और कितने केस पेंडिंग है। इनकी संख्या बताने का अनुरोध किया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
योगी के कार्यकाल में हुए सबसे ज्यादा एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मुठभेड़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 8,472 मुठभेड़ों में 3,302 अपराधियों को गोली मार घायल किया और जवाबी कार्रवाई में 146 अपराधाी मारे गए। मुठभेड़ों में 13 पुलिसकर्मी शहीद और 1,157 और घायल हुए। सबसे ज्यादा पुलिस वाले कानपुर के बिकरू मुठभेड़ में विकास दूबे की गोली से शहीद हुए। मुठभेड़ में 18,225 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
मुठभेड़ में मेरठ नंबर वन
मेरठ मुठभेड़ में नंबर वन है। यहां 2,839 मुठभेड़ में 5,288 गिरफ्तारी, 61 मौत और 1,547 अपराधी घायल हुए। इसके बाद दूसरे नंबर पर आगरा है। यहां 1,884 मुठभेड़ में 4,878 गिरफ्तारी, 18 की मौत और 218 अपराधी घायल हुए हैं। बरेली तीसरे नंबर पर है। यहां 1,173 मुठभेड़ में कुल 2,642 गिरफ्तारी, सात मौतें और 299 अपराधी घायल हुए हैं।
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