मालदा। स्थानीय तृणमूल विधायक समर मुखर्जी ने रतुआ थाने के आईसी के खिलाफ शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि आईसी का संबंध रेत व मिट्टी माफियाओं से है। इधर रतुआ तृणमूल ब्लॉक के अध्यक्ष फजलरुल हक ने विधायक के आरोप को निराधार बताते हुए तमाशा बताया है। साथ ही कहा कि “विधायक समर मुखर्जी का बुढ़ापे के कारण दिमाग खराब हो गया है। इसके बजाय देखा जाये तो वह खुद इतने लंबे समय से मिट्टी और बालू माफियाओं से जुड़े रहे हैं। वह अब पुलिस पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे है, क्योंकि शेयर का पैसा बंद हो गया है। रतुआ थाने के आईसी सुबीर करमाकर कुशल अधिकारी हैं। उन पर इस तरह का आरोप लगाना ठीक नहीं है।”
रतुआ में पुलिस के समर्थन में हुए विवाद को लेकर अब तृणमूल में गुटबाजी शुरू हो गई है। मंगलवार की सुबह रतुआ थाने के आईसी सुबीर करमाकर से संबंधित प्रखंड के तृणमूल अध्यक्ष फजलरुल हक सहित पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की। तृणमूल संबंधित क्षेत्र के प्रखंड अध्यक्ष ने थाने के आईसी व अन्य पुलिसकर्मियों को अच्छे कार्य का सराहनीय प्रमाण पत्र दिया है। उनके मुताबिक, पुलिस ने इलाके में मिट्टी और रेत माफिया की हिंसा को रोक दिया है। रतुआ थाने के आईसी इस अवैध धंधे की इजाजत नहीं दे रहे हैं। रतुआ प्रखंड अध्यक्ष फजलरुल हक ने कहा कि “विधायक समर ने राज्य की मंत्री सबीना यास्मीन को भी गुमराह किया है। सुबीर इतने लंबे समय से रतुआ में आईसी है। तृणमूल विधायक समर मुखर्जी का नक्कटी बांध के पास रेत और मिट्टी काटने का आरोप पूरी तरह से निराधार है। इस तरह किसी अधिकारी की बदनामी नहीं की जा सकती। इस मामले में पार्टी की छवि खराब की जा रही है।
दरअसल पुलिस ने भूमाफियाओं की हिंसा पर रोक लगा दी है। इसलिए विधायक को पैसा नहीं मिल रहा है और इसलिए उन्होंने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।” इस बीच रतुआ तृणमूल ब्लॉक के अध्यक्ष फजलरुल हक के इस बयान को सुनकर स्थानीय तृणमूल विधायक समर मुखर्जी खफा हो गए है। उन्होंने कहा, “मैंने एक भी झूठ नहीं कहा। मैंने वही कहा जो मैंने अपनी आंखों के सामने जो देखा है और जो हो रहा था। दरअसल, एक प्रखंड अध्यक्ष और पुलिस से गठजोड़ है। ऐसे में अब रतुआ आईसी को बचाने के लिए प्रखंड अध्यक्ष आगे आए हैं। मैंने पुलिस प्रशासन से मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।”