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‘राज्य में संवैधानिक संकट होने पर चुप नहीं बैठेंगे’, शेक्सपियर के हैमलेट का उदाहरण देकर बोले गवर्नर सीवी आनंद बोस

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि राज्य में संवैधानिक संकट आने पर वह चुप नहीं बैठेंगे। इस संदर्भ में उन्होंने विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘हैमलेट’ से उपमा दी। सोमवार को जोड़ासांकू ठाकुरबाड़ी में एक समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा, “राज्य में कानूनी या संवैधानिक संकट होने पर मैं शेक्सपियर के हैमलेट की तरह चुपचाप नहीं रहूंगा. बता दें कि राज्यपाल से ममता सरकार से कई मुद्दों पर मतभेद उभरे हैं।
राज्यपाल सीवी बोस आनंद बोस जया की कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही चिंता जता चुके थे। इस बार फिर उन्होंने उसी मुद्दे पर एक विचारोत्तेजक टिप्पणी की। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चेतावनी दी है कि संवैधानिक संकट होने पर राज्य चुप नहीं बैठेंगे।
राज्य में संवैधानिक संकट पर चुप नहीं बैठूंगा-बोले बंगाल के राज्यपाल
राज्यपाल ने सोमवार को जोरासांकू ठाकुरबारी में एक समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘हैमलेट’ की उपमा दी। राज्यपाल के रूप में इस राज्य में आने के बाद नबान्न और राजभवन के बीच ‘सामंजस्य’ का संकेत मिला था।राज्यपाल ने सरस्वती पूजा पर राजभवन में हातेखरी समारोह के माध्यम से बांग्ला लिपि में लेखन प्रारंभ किया था। लेकिन बाद में राज्य सरकार से विवाद बढ़ा है।राज्यपाल ने हुगली मेंरामनवमी पर हिंसा के बाद प्रभावित इलाकों का दौराकर पीड़ितों से मुलाकात की थी।
राज्यपाल सीवी आनंद ने कई बार बंगाली भाषा और संस्कृति के प्रति गहरा लगाव व्यक्त किया है। हालांकि कभी-कभी राजभवन और नबान्न के बीच दूरियां बढ़ जाती हैं. इसके पीछे की वजह राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य और राज्यपाल के बीच तकरार थी।
दूसरी ओर, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केरल के तंजूर में हुई दुर्घटना पर शोक जताते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि केरल का हादसा बहुत ही दर्दनाक है।

 

‘राज्य में संवैधानिक संकट होने पर चुप नहीं बैठेंगे’, शेक्सपियर के हैमलेट का उदाहरण देकर बोले गवर्नर सीवी आनंद बोस

पिछले दिनों राजभवन से एक पत्र भेजा गया जिसमें विश्वविद्यालयों के आंदोलनों और वित्तीय लेन-देन का हिसाब मांगा गया था। इसको लेकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने नाराजगी जताई थी। राज्यपाल के विभिन्न विश्वविद्यालयों के दौरे पर भी सवाल उठे थे। शिक्षा मंत्री ने उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाया था।


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