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राधा कृष्ण मंदिर में धूमधाम और हर्सोल्लास से शुरू हुई प्रसिद्ध झूलन जात्रा

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जलपाईगुड़ी। आधुनिकता के बीच आज भी जलपाईगुड़ी में राधा कृष्ण की झूलन यात्रा धूमधाम से मनाई जाती है। वृंदावन से जलपाईगुड़ी जगन्नाथ गौड़ीया मठ तक राधा कृष्ण की झूलन यात्रा पूरे उत्साह के साथ आज से शुरू हुई। जलपाईगुड़ी जगन्नाथ गौड़ीय मठ के सेवक ब्रायोगोपाल दास ने इस अवसर पर कहा की परंपरा के अनुसार विभिन्न रीति-रिवाजों से यह पर्व अगले शनिवार तक चलेगा।
इस अवसर पर झूला कुंजा बनाया गया है जहां देवताओं को रखा गया है। त्योहार से एक महीने पहले कलाकार ‘कुंजा’ के लिए काम शुरू करते हैं। कुंजा को जरी, जंबूरा, सोला और रंगों का उपयोग करके सजाया जाता है और जानवरों, पक्षियों, फूलों, फलों और छोटे पौधों को भी सजावटी वस्तुओं के रूप में उपयोग किया जाता है। और इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
झूलन यात्रा श्रवण शुक्ल दशमी से न केवल श्रीमंदिर में बल्कि मठों और घरों में भी शुरू होती है जो भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हैं। यह उत्सव भद्रबा कृष्ण प्रतिपदा तक चलेगा।
इन दिनों में प्रतिदिन संध्या अलती के बाद, प्रतिनिधि मूर्तियों मदन मोहन, भूदेवी और श्रीदेवी को भगवान का अंग्यमाला प्राप्त करने के बाद झूला कुंजा में रखा जाता है।
पुरी में झूलन जात्रा को लेकर श्रद्धालु काफी उत्साहित हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा केवल श्रीमंदिर में ही नहीं, बल्कि श्रीमंदिर से जुड़े मठों और घरों में भी देखा जाता है। इस अवसर पर झूलन कुंजा के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।


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