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रिश्तों पर भारी पड़ती सियासी महत्वाकांक्षा, चुनाव में मां-बेटे होंगे आमने-सामने

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कूचबिहार। कहते हैं सियासत में कोई अपना और कोई पराया नहीं होता, मौके और हालात को देखते हुए नेता अपना फैसला लेते हैं। लेकिन हर फील्ड की तरह सियासत में भी महत्वाकांक्षा अक्सर रिश्तों पर भारी पड़ती है। ऐसा ही कुछ इस बार कूचबिहार की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है। कूचबिहार नगरपालिका के दो नम्बर वार्ड से तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर अपनी मां के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का एलान बेटे ने कर दिया है।
आपकी बता दें की कूचबिहार नगरपालिका की प्रशासक मीना तर को इस बार तृणमूल से टिकट मिला है, लेकिन बेटा उज्जवल तर को यह स्वीकार नहीं है , क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहते है और यही कारण है की उन्होंने अपनी माँ के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
जानकारी के अनुसार, काफी दिनों से वार्ड दो में मीना तर और उज्जवल तर पार्षद हैं। इस बार तृणमूल ने इस वार्ड से मीना तर को टिकट दिया है। वार्ड दो से तृणमूल कांग्रेस कमिटी का सभापति रहने पर भी टिकट नहीं मिलने पर अंत में उज्जवल तर ने अपनी मां के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और वह निर्दल प्रार्थी के रूप के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे है। कई वार्डों में एक ही वार्ड से मां-बेटे के पोस्टर भी देखे जा रहे हैं। इस कारण यहां मुकाबला कड़ा हो गया है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इसका लाभ विरोधियों को मिल सकता है।


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