डेस्क। चीन रोबोटिक्स के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। यहां पर विशेषकर ह्यूमनोइड रोबोट्स पर फोकस किया जा रहा है। ह्यूमनोइड रोबोट दिखने में बिल्कुल इंसानों जैसे होते हैं, ये चलते और बोलते भी हमारी तरह ही हैं। अब इनमें तकनीक की मदद से इंसानों जैसी सोच को भी डाला जा रहा है। चीन में इन ह्यूमनोइड रोबोट्स को बनाने वाली कंपनियों की मानो बाढ़ आ गई है। सरकार को अब डर लगने लगा है कि कहीं ये सब कोई बबल तो नहीं है, जो अचानक से फूट जाएगा और सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। अभी कुछ महीने पहले ही सरकार ने इन रोबोटों को देश की नई अर्थव्यवस्था का बड़ा इंजन बताया था, लेकिन अब इस क्षेत्र में निवेश इतना तेज हो गया है कि चीनी सरकार को चिंता सताने लगी है। यह सारा मामला रोबोट्स के एक डांस के बाद शुरू हुआ।
चीन की सरकार ने क्या चेतावनी दी?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि चीन की सबसे बड़ी आर्थिक योजना बनाने वाली संस्था NDRC यानी नेशनल डिवेलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन ने चेतावनी दी है। संस्था की प्रवक्ता ली चाओ ने कहा कि देश में 150 से ज्यादा कंपनियां एक जैसे ह्यूमनोइड रोबोट बना रही हैं। इससे नई खोज दब सकती है। उन्होंने कहा कि नई-नई इंडस्ट्री में तेजी और बबल का खतरा हमेशा रहता है, अभी रोबोट सेक्टर भी उसी मोड़ पर खड़ा है।
चीन ने पहले कौनसे धोखे खाए?
चीन में पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। साइकिल शेयरिंग कंपनियां आईं, सबने पैसा लगाया, फिर ज्यादातर बंद हो गईं। सेमीकंडक्टर चिप बनाने में भी बहुत पैसा डाला गया, फिर कई कंपनियां घाटे में चली गईं। सरकार नहीं चाहती कि रोबोट के क्षेत्र में भी ऐसा हो। इसलिए अभी से सावधानी बरतने की बात हो रही है।
रोबोट के डांस ने कैसे बदली पूरी तस्वीर
इस साल चीनी नववर्ष के अवसर पर एक बड़े टीवी कार्यक्रम में यूनिट्री रोबोटिक्स कंपनी के रोबोट्स ने डांस दिखाया। वो वीडियो पूरे देश में वायरल हो गया। उसके बाद से निवेशकों की लाइन लग गई। हर कोई रोबोट कंपनी बनाने या पैसा लगाने दौड़ा। सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हैं, जिनमें नए-नए स्टार्टअप के रोबोट कॉफी बना रहे हैं, मैराथन दौड़ रहे हैं और बॉक्सिंग कर रहे हैं।
चीन की सरकार ने क्या तरकीब लगाई है?
फरवरी में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक बड़ी मीटिंग हुई थी। उसमें यूनिट्री कंपनी के मालिक वांग शिंगशिंग को सबसे आगे की सीट मिली थी। जबकि जैक मा जैसे बड़े लोग भी वहां थे। इससे साफ है कि सरकार रोबोटिक्स के क्षेत्र को महत्व दे रही है। लेकिन सरकार अब दो काम साथ-साथ करना चाहती है। पहला यह कि नई तकनीक पर तेजी से काम हो। दूसरा यह कि सारी कंपनियों के संसाधान और तकनीक को आपस में बांटने की व्यवस्था बने। इससे कमजोर कंपनियां अपने आप बंद हो जाएंगी या बड़ी कंपनियों में मर्ज हो जाएंगी।
रोबोट की दुनिया में नंबर वन बनना है, लेकिन बिना नुकसान के
फिलहाल ये रोबोट सिर्फ फैक्ट्रियों और शो में दिख रहे हैं। घरों में आने में अभी कई साल लगेंगे। लेकिन निवेश और उत्साह इतना है कि सरकार को लग रहा है कि कहीं बात हाथ से न निकल जाए। इसलिए अभी से ब्रेक लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। चीन रोबोट में दुनिया का नंबर-1 बनना चाहता है, मगर बिना किसी नुकसान के।