नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव के बीच सोमवार तड़के लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास एक चीनी सैनिक को कथित तौर पर पकड़ लिया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, चीनी सैनिक को पैंगोंग झील से लगभग 300 किमी दक्षिण में कब्जे में लिया गया था।
सिपाही भारतीय सेना की हिरासत में है और भारतीय एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या कोई जासूसी में शामिल था। हालांकि रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सैनिक अनजाने में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गया है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, “तय प्रक्रिया का पालन करने के बाद प्रोटोकॉल के अनुसार चीनी सेना को वापस किया जाएगा।”
चीन के राज्य समर्थित ग्लोबल टाइम्स के प्रधान संपादक हू ज़िजिन ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, ‘मैं जो जानता हूं, एक चीनी सैनिक को भारतीय पक्ष द्वारा हिरासत में लिया गया है। भारतीय पक्ष का सकारात्मक रुख है। सैनिक को चीन वापस कर दिया जाएगा। इस मुद्दे को सीमा क्षेत्र में नए तनाव का कारण नहीं बनना चाहिए।’
पकड़ा गया चीनी सैनिक कॉर्पोरल रैंक का जवान है। सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए चीनी सैनिक ने दावा किया है कि वो रास्ता भटक गया था। सूत्रों के मुताबिक, पकड़ा गया चीनी सैनिक शांगजी का रहने वाला है और कल शाम से ही चीनी सैनिकों से संपर्क करने की कोशिश में जुटा था। सेना ने एक बयान में कहा, ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक को चीनी सेना को तय प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार लौटाया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि अत्यधिक ऊंचाई और कठोर जलवायु परिस्थितियों से बचाने के लिए सिपाही को ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े सहित चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। चीनी सेना से लापता सैनिक के बारे में एक अनुरोध प्राप्त हुआ था। सेना ने कहा कि औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर उसे चीनी अधिकारियों को लौटा दिया जाएगा। कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि चीनी सैनिक नागरिक और सैन्य दस्तावेजों को ले जा रहा था, जब वह पकड़ा गया था।
भारतीय और चीनी सैनिक मई के दौरान लद्दाख में LAC पर आमने-सामने है। जून में तनाव बढ़ गया जब गलवान घाटी में चीनियों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। पिछले महीने पैंगोंग त्सो में दोनों सेनाओं के आमने-सामने आने से एक से अधिक बार हवा में फायरिंग की गई। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को हल करने के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई है, लेकिन चीन ने यथास्थिति बहाल करने के लिए समझौतों का पालन करने से इनकार कर दिया है।
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