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विविध कार्यक्रमों के माध्यम से मनाई जा रही है विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर की 162 वीं जयंती

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सिलीगुड़ी। भारत के राष्ट्रगान के रचयिता, कवि और बहुमुखी प्रतिभा के धनी रवींद्रनाथ टैगोर की आज जयंती है। विश्व कवि टैगोर की आज 162वीं जयंती है। इस अवसर पर हर साल सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से कवि की जयंती सिलीगुड़ी बाघाजतिन मैदान स्थित कवि के प्रतिमा पर माल्यार्पण और सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से धूमधाम से मनाई जाती है। हालांकि पिछले दो साल से रवींद्रनाथ की जयंती मनाई तो जा रही थी, परन्तु धूमधाम से नहीं। लेकिन संक्रमण की दर में कमी आने के बाद इस साल फिर पूरे राज्य के साथ-साथ सिलीगुड़ी में भी विश्वकवि की जयंती भव्य रूप से मनाई जा रही है।
सिलीगुड़ी नगर निगम के उप महापौर रंजन सरकार, अध्यक्ष प्रतुल चक्रवर्ती, नगर निगम के आयुक्त सोनम वांग्दी भूटिया और अन्य अधिकारियों ने सोमवार को शहर बाघाजतिन मैदान में कवि की प्रतिमा पर मलयदान कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष, माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी के विधायक आनंदमय बर्मन, डाबग्राम-फुलबाड़ी की विधायक शिखा चटर्जी कवि को श्रद्धांजलि देने के लिए बाघा जतिन मैदान में पहुंचे थे। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव राज्य से बाहर होने के कारण समारोह में नहीं दिखे।
दरअसल 7 मई 1861 में रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। भारत में 7 मई तो वहीं बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती 9 मई को मनाई जाती है। रवींद्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। कम लोगों को पता होगा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ तो लिखा ही था, लेकिन बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ भी लिखा है। उन्हें साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है, जिसके साथ ही वह पहले गैर यूरोपीय गीतकार बन गए। रवींद्रनाथ टैगोर की उपलब्धियां कम नहीं। उनके जीवन से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो ज्यादातर लोगों को पता नहीं। उनके बारे में कहा जाता है कि रवींद्रनाथ टैगोर को कलर ब्लाइंडनेस था।


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