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विश्व टीबी दिवस 2023 : बच्‍चों में इन लक्षणों को इग्‍नोर करना होता है जानलेवा, टीबी की ओर करते हैं इशारा

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यूनिवर्स टीवी डेस्क। सेहत को बर्बाद करने वाली टीबी के सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 24 मार्च को ‘विश्‍व टीबी दिवस’ मनाया जाता है। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार यह तारीख 1882 के दिन को चिन्हित करती है जब डॉ. रॉबर्ट कोच ने घोषणा की थी कि उन्होंने टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज की है, जिसने इस बीमारी के निदान और इलाज का रास्ता खोल दिया।
टीबी की बीमारी क्‍या है
चिल्‍ड्रेंस हॉस्‍पीटल ऑफ फिलाडेल्फिया के अनुसार क्षय रोग (टीबी) एक दीर्घकालिक जीवाणु संक्रमण है जो आमतौर पर फेफड़ों को संक्रमित करता है, हालांकि कभी-कभी गुर्दे, रीढ़ या मस्तिष्क जैसे अन्य अंग भी इसमें शामिल होते हैं। टीबी मुख्य रूप से वायु जनित बीमारी है।
बच्‍चों में टीबी के लक्षण
प्रभावित बच्चे की उम्र के आधार पर टीबी के विभिन्न लक्षण दिख सकते हैं। सक्रिय टीबी के सबसे आम लक्षण बुखार, अनपेक्षित वजन घटना, सही से विकास ना हो पाना, रात में पसीना आना, खांसी होना, ग्रंथियों में सूजन आना, ठंड लगना। इसके अलावा किशोरों में टीबी होने पर खांसी जो तीन सप्ताह से अधिक समय तक रहती है, सीने में दर्द, थूक में खून आना, कमजोरी और थकान, ग्रंथियों में सूजन, भूख में कमी, बुखार और ठंड लगना या रात को पसीना आना शामिल है।
टीबी होने का कारण
जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है, बोलता है, गाता है या हंसता है तो टीबी जीवाणु हवा के माध्यम से फैलते हैं। हालांकि, टीबी तभी होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित होने से पहले कीटाणुओं के संपर्क में आता है। यह टीबी से पीड़ित व्यक्ति द्वारा छूई गई व्यक्तिगत वस्तुओं, जैसे कि कपड़े, बिस्तर, पानी पीने का गिलास, खाने के बर्तन, हाथ मिलाने, शौचालय शेयर करने या अन्य वस्तुओं के माध्यम से फैल सकता है। टीबी के संचरण को रोकने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।
बच्‍चों में टीबी का इलाज
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार टीबी विशेषज्ञ पीडियाट्रिक को बच्चों, शिशुओं और टॉडलर बच्चों में टीबी का उपचार किया जाना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लेटेंट टीबी संक्रमण या टीबी रोग के लिए इलाज करा रहे किसी भी व्यक्ति को पूरा ट्रीटमेंट खत्म करना चाहिए और निर्देशों के अनुसार ही दवा लेनी चाहिए। बच्चों में टीबी की बीमारी का इलाज 4, 6, या 9 महीने तक कई एंटी-टीबी दवाओं से किया जाता है। सीडीसी 12 साल से कम उम्र के बच्चों या 40 किलोग्राम से कम शरीर के वजन वाले बच्चों के लिए 4 महीने के रिफैपेंटाइन-मोक्सीफ्लोक्सासिन टीबी उपचार रेजिमेन की सिफारिश नहीं करता है।
अगर बच्‍चा दवा ना ले तो
यदि बच्चा ट्रीटमेंट पूरी होने से पहले दवा लेना बंद कर देता है, तो वह फिर से बीमार हो सकता है। यदि दवाओं को सही तरीके से नहीं लिया जाता है, तो जीवित जीवाणु उन दवाओं के लिए प्रतिरोधी बन सकते हैं। दवाओं के लिए प्रतिरोधी होने पर टीबी का इलाज कठिन और अधिक महंगा हो सकता है, और उपचार बहुत लंबे समय (18 से 24 महीने तक) तक चल सकता है।


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