नई दिल्ली | शारदीय नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के रूप में नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर 2025, सोमवार से हो रही है। खास बात यह है कि नवरात्रि किस दिन शुरू होती है, इसके आधार पर मां दुर्गा की सवारी तय होती है — और इस बार माता हाथी पर सवार होकर पधारेंगी।
✨ क्या है माता की सवारी का महत्व?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा की सवारी हर वर्ष बदलती है, जो सप्ताह के पहले दिन पर निर्भर करती है। सोमवार या रविवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता की सवारी हाथी मानी जाती है। हाथी को शुभता, वैभव और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इस बार नवरात्रि सोमवार से प्रारंभ हो रही है, जिसका अर्थ है कि माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।
🌏 हाथी की सवारी का देश-दुनिया पर प्रभाव
धार्मिक शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार, जब माता हाथी पर आती हैं, तो यह संकेत देता है समृद्धि, शांति और संतुलन का। आइए जानते हैं इस वर्ष इसके क्या सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं:
🌾 कृषि क्षेत्र में होगी शुभता
वर्षा का संतुलन बना रहेगा।
अच्छी फसल की संभावना, जिससे किसानों को राहत और खुशहाली मिलेगी।
💹 व्यापार और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि के संकेत।
देश में आर्थिक स्थिरता और निवेश के नए अवसर बनेंगे।
👷♂️ मजदूर वर्ग और आम लोगों को लाभ
मेहनतकश लोगों को धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
रोज़गार के नए स्रोत खुल सकते हैं।
🕊️ सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता
समाज में मेलजोल और एकता का माहौल बनेगा।
कुछ राजनीतिक मुद्दों के समाधान की संभावना, जिससे स्थिरता आएगी।
🪔 व्यक्तिगत जीवन में भी शुभ संकेत
लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का प्रवेश होगा।
यह समय नई शुरुआत और पुराने प्रयासों में सफलता लाने वाला रहेगा।:
Shardiya Navratri 2025 में मां दुर्गा का हाथी पर आगमन एक शुभ संकेत है। यह सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लेकर आने वाला है। श्रद्धालुजन इस नवरात्रि में पूरे भक्तिभाव से मां की आराधना करें — क्योंकि इस बार मां खुद समृद्धि का संदेश लेकर आ रही हैं