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शिक्षा के मंदिर में चल रही है दुकान, विद्यार्थी और अभिभावक है परेशान

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मालदा । विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, क्योंकि यहाँ पर बच्चो को शिक्षित करने के साथ ही उनको अनुशासन का पाठ पठाया जाता है। जब यह मंदिर शिक्षा के साथ-साथ अभिभावक एवं समाज को जोड़ने और मार्गदर्शन करने के लिए नए प्रयोग के माध्यम से कार्यक्रमों का संचालन करता है तो वह विद्यालय समाज में मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है। लेकिन यह काफी दुखद और चिंतित करने वाली बात है कि शिक्षा के मंदिर को खुद एक शिक्षक द्वारा व्यवसाय का अड्डा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मालदा हरिश्चंद्रपुर हल्दीबाड़ी प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक सह तृणमूल नेता पर आरोप है कि उन्होंने उन्होंने इस विद्यालय में दुकान खोल रही है।
साथ ही आरोप है तृणमूल प्रखंड अध्यक्ष स्कूल नहीं आते हैं। स्कूल के अंदर किराना दुकान चलती है। राष्ट्रगान नियमित नहीं होता है और जब होता भी है तो अधिकतर शिक्षक बैठे रहते है, जो अनुशासनहीनता है।
वहीं, आरोपी शिक्षक और तृणमूल नेता का कहना है कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। यह उनके खिलाफ भाजपाइयों की साजिश है। वहीं विरोधियों का कहना है की  स्कूल में नियमित रूप से कक्षाएं नहीं लगती हैं। शिक्षकों ने स्कूल के अंदर दुकान लगा रखी है। हर दिन प्रार्थना सही ढंग से नहीं की जाती है। राष्ट्रगान के दौरान शिक्षक बैठे रहते हैं। उस स्कूल का एक शिक्षक तृणमूल का प्रखंड अध्यक्ष है। अभिभावकों की शिकायत है कि वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं। शनिवार को शिक्षक जैसे ही स्कूल पहुंचे तो अभिभावकों ने उन्हें घेर लिया और स्कूल की अनियमितता के खिलाफ आवाज बुलंद की। हालांकि  विरोध के दौरान  प्रधानाध्यापक स्कूल में मौजूद नहीं थे। अभिभावकों की शिकायत है कि वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं.
उस प्राथमिक विद्यालय के एक अन्य शिक्षक हिमांशु दास और उनकी पत्नी पिंकी दास ने कथित तौर पर फिर से स्कूल के अंदर एक दुकान खोली है। आरोप है कि स्कूली बच्चों को कक्षा से बाहर रखकर दुकान में बिठाया जा रहा है। अभिभावक सवाल कर रहे हैं कि दुकान स्कूल के अंदर क्यों हैं, जहां सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है। उस प्राथमिक विद्यालय में नियमित प्रार्थना भी नहीं की जाती है। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल में कक्षाएं नहीं होने के कारण अभिभावकों को निजी ट्यूशन देने को मजबूर होना पड़ता है।
तृणमूल नेता और शिक्षक माणिक दास के स्कूल आने पर अभिभावकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। वहीं, आरोपी शिक्षक माणिक दास का दावा है कि ये सभी आरोप निराधार हैं और वह नियमित रूप से स्कूल आते हैं। विरोध करने वाले विपक्षी दल से जुड़े हुए हैं।


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