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शेयर बाजार में जोरदार उछाल, सिर्फ एक महीने में हुई 10% की बढ़ोत्तरी, ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, अब ₹1,785 तक जाएगा भाव!

मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयर बुधवार को बीएसई पर इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 1 फीसदी चढ़कर ₹1,513.3 के स्तर पर पहुंच गए। यह पिछले चार महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। कंपनी का शेयर अब अपने ऑल-टाइम हाई ₹1,551. . .

मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयर बुधवार को बीएसई पर इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 1 फीसदी चढ़कर ₹1,513.3 के स्तर पर पहुंच गए। यह पिछले चार महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। कंपनी का शेयर अब अपने ऑल-टाइम हाई ₹1,551 (जो 9 जुलाई 2025 को बना था) के करीब है। पिछले एक महीने में RIL के शेयरों में 10 फीसदी की तेजी आई है, जबकि इसी दौरान बीएसई सेंसेक्स केवल 2.3 फीसदी ऊपर गया है।

तेजी के पीछे कौन-से फैक्टर काम कर रहे हैं?

रिलायंस के ऑयल टू केमिकल्स (O2C) कारोबार में इस साल, यानी वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में, काफी सुधार देखा गया है। यह सुधार इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी को पेट्रोल और डीजल जैसे घरेलू ईंधन बेचने पर पहले से ज्यादा फायदा हुआ। साथ ही, ट्रांसपोर्ट के लिए ईंधन की मांग भी बढ़ी और पॉलीप्रोपिलीन (PP) और पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) जैसे प्लास्टिक बनाने वाले केमिकल्स के दाम भी अच्छे रहे। इन सब कारणों से कंपनी की कमाई और मुनाफा दोनों में मजबूत बढ़त देखने को मिली।
रिलायंस का ऑपरेटिंग प्रॉफिट पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत बढ़कर ₹99,467 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹86,682 करोड़ था। कंपनी की कुल बिक्री यानी राजस्व भी 8 प्रतिशत बढ़ा है। इसका मतलब है कि रिलायंस का कारोबार अब फिर से तेजी से आगे बढ़ रहा है।

डिजिटल और रिटेल कारोबार में क्या हो रहा है खास?

रिलायंस का डिजिटल सर्विसेज बिजनेस लगातार मजबूत हो रहा है। कंपनी की जियो प्लेटफॉर्म्स में मोबाइल और होम दोनों ही सेक्टरों में ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर ग्राहक से मिलने वाली औसत आमदनी यानी एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) भी लगातार बढ़ रही है। दूसरी ओर, रिटेल कारोबार में कंपनी तेजी से नए स्टोर खोल रही है, प्रोडक्ट्स की रेंज बढ़ा रही है और खर्चों को नियंत्रित कर रही है। इन वजहों से रिटेल कारोबार में भी अच्छी बढ़त देखने को मिल रही है।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (E&P) यानी तेल और गैस की खोज और उत्पादन वाले कारोबार पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर पड़ सकता है। हालांकि, गैस के दाम स्थिर रहने से इस बिजनेस को सपोर्ट मिलता रहेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में डेटा इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है, जिससे जियो का ARPU आने वाले समय में और बढ़ेगा। इसका फायदा कंपनी को राजस्व और मुनाफे, दोनों में होगा।

विश्लेषक क्या कह रहे हैं RIL के शेयर पर?

JM फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अपना भरोसा बनाए रखते हुए कंपनी के शेयर पर ‘BUY’ (खरीदें) रेटिंग बरकरार रखी है और इसका टारगेट प्राइस ₹1,700 प्रति शेयर तय किया है। ब्रोकरेज का कहना है कि हाल के समय में शेयर में आई कमजोरी के बाद अब रिलायंस का वैल्यूएशन आकर्षक हो गया है, यानी मौजूदा भाव पर यह निवेश के लिए अच्छा मौका माना जा रहा है।
कंपनी को उम्मीद है कि रिलायंस की प्रति शेयर आय (EPS) अगले 3 से 5 सालों में 15 से 20 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर (CAGR) से बढ़ सकती है। यह वृद्धि मुख्य रूप से कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस, यानी डिजिटल सर्विसेज और रिटेल सेगमेंट, से आने की संभावना है, जो लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं और कंपनी के लिए मजबूत कमाई का स्रोत बने हुए हैं।

कर्ज और वित्तीय स्थिति कितनी मजबूत है?

कंपनी ने यह दिशा-निर्देश (गाइडेंस) दिया है कि उसका नेट डेट टू EBITDA अनुपात यानी कुल कर्ज बनाम ऑपरेटिंग मुनाफे का अनुपात 1 गुना से नीचे रहेगा। सितंबर 2025 (Q2FY26) के अंत तक यह अनुपात 0.6 गुना था, जो बताता है कि कंपनी पर कर्ज का बोझ बहुत कम है और उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत और स्थिर बनी हुई है।
ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि आने वाले समय में जियो का औसत रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) भी तेजी से बढ़ेगा। उनका अनुमान है कि FY25 से FY28 के बीच यह 13 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर (CAGR) से बढ़ सकता है। यह बढ़ोतरी भारत में डेटा की तेजी से बढ़ती खपत, टैरिफ में संभावित बढ़ोतरी, और टेलीकॉम इंडस्ट्री के ढांचे में हो रहे बदलावों की वजह से संभव मानी जा रही है। इससे जियो की आमदनी और रिलायंस के कुल मुनाफे दोनों को फायदा होगा।

क्या रिलायंस की नई ऊर्जा योजनाएं भविष्य की कुंजी होंगी?

BNP पारिबास इंडिया का मानना है कि पिछले 10 सालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने कारोबार में बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां यह कंपनी पारंपरिक ऑयल और गैस बिजनेस पर निर्भर थी, वहीं अब यह खुद को एक डिजिटल और रिटेल दिग्गज (पावरहाउस) के रूप में स्थापित कर चुकी है।
टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो देश की इंडस्ट्री लीडर है और इसने 5G तकनीक में सबसे ज्यादा निवेश किया है। रिटेल कारोबार में भी रिलायंस की पकड़ बेहद मजबूत है। खासकर ग्रॉसरी, फैशन और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में कंपनी सबसे आगे है।
इसके अलावा, कंपनी का अपस्ट्रीम ऑयल एंड गैस बिजनेस, खासकर KG-D6 फील्ड, अब नए उत्पादन से मुनाफा देने लगा है। साथ ही, रिलायंस के ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स – जैसे सोलर, बैटरी, फ्यूल सेल और हाइड्रोजन को लेकर भी भविष्य में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं।
BNP पारिबास ने कंपनी पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग दी है और ₹1,785 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है, यानी उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में रिलायंस के शेयरों में और बढ़त की गुंजाइश है।

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