कोलकाता।अगर बिल्डिंग प्लान की अवधि समाप्त हो गई है तो इसका एक्सटेंशन (विस्तार) नहीं हो सकता है। इसके लिए नये सिरे से बिल्डिंग प्लान की मंजूरी लेनी पड़ेगी। इसी तरह के एक मामले की सुनवायी करने के बाद जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस राई चक्रवर्ती के डिविजन बेंच ने यह आदेश दिया है। सिंगल बेंच के एक फैसले के खिलाफ केएमसी की तरफ से यह अपील दायर की गई थी।
एडवोकेट अमृता पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आद्या रेसिडेंसी के एक बिल्डिंग प्लान को 2015 में मंजूरी मिली थी और 2020 की फरवरी में इसकी मियाद पूरी हो रही थी। पर अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया था। आरोप है कि कालीघाट थाने ने एक नोटिस दे कर निर्माण कार्य रोके जाने का आदेश दिया। केएमसी से बिल्डिंग प्लान को एक्सटेंशन नहीं मिला तो पिटिशनर की तरफ से हाई कोर्ट में रिट दायर कर दी गई। सिंगल जज ने मामले की सुनवायी के बाद एक्सटेंशन का आदेश दिया तो केएमसी की तरफ से इसके खिलाफ डिविजन बेंच में अपील दायर कर दी गई। डिविजन बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि बिल्डर की तरफ से अवधि समाप्त होने के बाद एक्सटेंशन की अपील की गई थी। डिविजन बेंच ने कहा है कि एक्सटेंशन का मतलब होता है कि कोई वस्तु मौजूद है और उसका विस्तार करना है। पर यहां तो अपील अवधि के समाप्त होने के बाद की गई थी। लिहाजा नये सिरे से बिल्डिंग प्लान का सैंशन लेना पड़ेगा।