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बंगाल से बाहर खुद को मजबूत करने में जुटी ममता क्या 2024 में दे पाएंगी मोदी को टक्कर

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को धूल चटाने के बाद ममता बनर्जी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई हैं। बंगाल में खेला होबे का नारा देने के बाद दीदी का अगला टारगेट लोकसभा चुनाव के बाद खुद को तीसरे विकल्प के रूप में खड़ा करने का है। दीदी ने इसके लिए देशभर में पार्टी संगठन को मजबूत करने की कवायद भी शुरू कर दी है। यूपी, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं। ममता बनर्जी अगले साल होने वाले इन राज्यों के विधानसभा चुनाव के बहाने पार्टी की जमीनी तैयारी शुरू कर चुकी हैं। वे फिलहाल यहां पार्टी की उपस्थिति चाहती हैं। उन्होंने यहां पार्टी संगठन को विस्तार देने का काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में इन राज्यों से भाजपा और कांग्रेस समेत स्थानीय पार्टियों के कई दिग्गज नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल भी हो चुके हैं।

गोवा में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो TMC में शामिल हो चुके हैं। ममता ने उन्हें बंगाल से राज्यसभा भी भेज दिया है। 

बंगाल जीतने के बाद ममता ने असम और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया। ममता ने असम की सिलचर से कांग्रेस की सांसद रह चुकीं सुष्मिता देव को पार्टी में शामिल कराया। TMC ने उनहें बंगाल से ही राज्यसभा का सांसद बनाकर भेजा है। वहीं उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल में ब्राह्मण चेहरा बने ललितेश पति त्रिपाठी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। ललितेश UP के पूर्व मुख्यमंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र हैं।

ममता बनर्जी त्रिपुरा में भाजपा को जोरदार झटका दे चुकी हैं। दरअसल भाजपा विधायक आशीष दास यहां TMC का दामन थाम चुके हैं। TMC प्रदेश में भाजपा को पछाड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर दिख रही है। विधायक आशीष दास को TMC में शामिल कराना इसी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। यहां बांग्ला भाषी वोटर्स के अलावा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बड़ा उलटफेर करने का मादा रखती है। बंगाल में जिस तरह पार्टी ने महिलाओं और खासकर मुस्लिम मतदाताओं को खुद से जोड़े रखा, उसी तरह त्रिपुरा में भी TMC इन्हें अपना कोर वोटर बनाने की तैयारी में है। ये अब तक वाम दलों के वोटर्स रहे हैं।

ममता बनर्जी 22 से 25 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर हैं। वे यहां सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने वाली हैं। इस मुलाकात से पहले ही उन्होंने कई बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। सबसे पहले JDU के सांसद रह चुके पवन वर्मा ने पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद पत्नी पूनम आजाद के साथ ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचे। यहां पहले से मौजूद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके चंद घंटे बाद ही हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद रह चुके अशोक तंवर भी ममता से मिले और TMC में शामिल हो गए। तंवर कभी राहुल के करीबियों में गिने जाते थे। ममता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर के सहारे बिहार और हरियाणा में पार्टी संगठन को मजबूत करने का प्लान बना रही हैं।

बंगाल विधानसभा में भारी जीत के बाद भाजपा के दिग्गज नेता रहे और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा TMC में शामिल हो गए। सिन्हा अभी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस नेता अभिजीत मुखर्जी भी इसी साल जुलाई में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। प्रणव मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद 2012 और 2014 के चुनाव में अभिजीत बंगाल की जंगीपुर लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे। हालांकि, 2019 के चुनाव में वे तीसरे नंबर पर पहुंच गए। साफ है की दीदी 2024 में मोदी को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर रही हैं। 


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