सामूहिक आत्महत्या की घटनाओं से थर्राया थार, 3 मासूम बच्चियों को एक टांके में फेंक दूसरे टांके में कूदी मां; चारों की मौत
बाड़मेर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर सटे बाड़मेर जिले में लगातार सामूहिक आत्महत्याओं की घटनाएं सामने आती रहती है, हालांकि इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन पुलिस और समाजसेवी संस्थाएं अभियान चला रही है, लेकिन इसके बावजूद सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।
बाड़मेर जिले के बायतु थाना क्षेत्र के अकदड़ा गांव में एक महिला ने अपनी तीन बेटियों के साथ टांके (टांका एक पारम्परिक तकनीकी का थार रेगिस्तान (राजस्थान ) में प्रयोग किया जाने वाला पानी का एक बड़ा गढ्ढा है। इसमें बारिश के पानी को इकठ्ठा किया जाता है तथा बाल्टी की मदद से बाहर निकाल कर उपयोग में लिया जाता है। इसमे पानी पूरे वर्ष के लिए भूमिगत रूप से संग्रहित किया जाता है।) में कूदकर आत्महत्या कर ली जिसके बाद बायतु पुलिस मौके पर पहुंची। जानकारी के अनुसार अकदड़ा निवासी कोशलाराम की 30 वर्षीय पत्नी जसीदेवी अपनी 6 वर्षीय बड़ी बेटी ज्योत्सना 4 वर्षीय मोनिका तथा 2 वर्षीय दीक्षा के साथ टंकी में कूद गई जिससे चारों की मौत हो गई।
परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस करेगी जांच
मृतका ने पहले अपनी तीन बेटियों को घर के बाहर बने टांके में फेंका उसके बाद घर से थोड़ी दूरी पर बने दूसरे टांके में खुद कूद गई और उसका पति व 9 वर्षीय बेटा घर पर ही सो रहे थे। सुबह जब पति उठा तो घर पर पत्नी और बेटियों को नहीं पाया इस पर आसपास के लोगों ने मिलकर टांके में जाते हुए पैर देखे तो उनके शव पानी मे तैरते मिले और लोगों ने पुलिस को इतला दी। मृतका के पीहर पक्ष की रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
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