सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों में लगा में भक्तों का तांता, भगवान शिव का जलाभिषेक करने उमड़े श्रद्धालु
डेस्क। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। देशभर के शिवालय सजे-धजे हैं। सूरज की पहली किरण फूटने से पहले ही भक्तों का तांता मंदिरों में लग गया। सावन के पहले सोमवार के लिए दिल्ली-एनसीआर के मंदिर भी तैयार हैं। श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में इस तरह के इंतजाम हैं कि उन्हें दर्शन के लिए बारिश में भीगना न पड़े। गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इसे लेकर कई जगह ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया है। गोशाला अंडरपास सोमवार दोपहर तक बंद रहेगा। सावन का महीना शुरू होने के साथ ही बोल बम के जयकार भी सुनाई देने लगे हैं। श्रावण शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पवित्र गंगाजल लाने के लिए कावड़ियों का तीर्थ स्थलों पर जाने का सिलसिला लगातार जारी है। देखिए, सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में कैसे हर हर महादेव गूंज रहा है।
शिवलिंग पर क्यों करते हैं जलाभिषेक
आज सावन का पहला सोमवार है और शिव मंदिरों में सुबह से ही भारी भीड़ है। शिवलिंग पर शिवभक्त जलाभिषेक करते हुए शिव की कृपा की कामना करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक क्यों किया जाता है। दरअसल सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था जिसमें विष का घड़ा निकला था और इस विष के घड़े को न ही देवता लेना चाह रहे थे और न ही दानव। ऐसे में भगवान शिव ने इस विष का पान करके उसे अपने गले में धारण करके सृष्टि को बचाया था। विष के प्रभाव से भगवान शिव के शरीर का ताप बहुत ज्यादा हो गया था तब शिवजी के शरीर के ताप को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन पर जल चढ़ाया था। इस कारण से शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा है।
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