सिलीगुड़ी । वसुंधरा यानि धरती को बचाने के प्रति जागरुकता लाने के लिए दार्जिलिंग जिला पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की पहल पर पृथ्वी दिवस मनाया गया। दार्जिलिंग जिला पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. गोपाल डे ने कहा कि “वसुंधरा दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की पहल पर सिलीगुड़ी बाघा जतिन मैदान के सामने छात्रों के लिए चित्र अंकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 70 छात्रों ने भाग लिया। सभी बच्चों ने धरती और पर्यावरण से जुड़ें तवीरों को बनाया। साथ ही साथ पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की पहल पर न केवल सिलीगुड़ी शहर में बल्कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में भी वसुंधरा दिवस मनाया जा रहा है।” इस दिन धरती को बचाने के लिए शपथ लिया गया।
आपको बता दें कि 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रुप में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष हम इस दिन पृथ्वी की सुंदरता को बनाए रखने का संकल्प लेते हैं। इसके अगले ही दिन भूल जाते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। वास्तव में पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान मानवीय गतिविधियों के कारण होता है। विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर इसमें विचार करना जरुरी है।
सौरमंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जहां मानव जीवन संभव है। वर्तमान में हर जगह प्रकृति का दोहन जारी है। शहर में कहीं घरों से निकलने वाला गंदा पानी नदी में मिल रहा है, तो कहीं कूड़ा-कचरा जल स्त्रोतों के आसपास फेंक दिए जाते हैं। वाहनों से निकलता धुंआ भी पर्यावरण में जहर घोल रहा है। मानवीय गतिविधियों के कारण सबसे ज्यादा जल, मिट्टी और वायु को क्षति पहुंच रही है। यह घूम फिरकर हमारी पृथ्वी को ही दूषित बनाती है। जिस पृथ्वी को हम मां का दर्जा देते हैं, उसे हम खुद अपने हाथों से दूषित करने पर तुले हैं। इसे दिशा में हमे विचार करने की जरुरत है।
Comments are closed.