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सिलीगुड़ी में बने दूसरे कामाख्या मंदिर का हुआ उद्घाटन

सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी में कामाख्या मंदिर की शैली में कामाख्या माता का मंदिर बनाया गया है। मां का मंदिर चारो ओर से जंगल से घिरा हुआ है। यह चाय बागान के बीच में बनाया गया हैं। मंदिर में मां के 5. . .

सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी में कामाख्या मंदिर की शैली में कामाख्या माता का मंदिर बनाया गया है। मां का मंदिर चारो ओर से जंगल से घिरा हुआ है। यह चाय बागान के बीच में बनाया गया हैं। मंदिर में मां के 5 रूपों के अलावे एक शिव मंदिर भी बनाया गया है। सिलीगुड़ी शहर के पास बैकुंठपुर जंगल से घिरे प्राकृतिक गोद में स्थित भव्य मंदिर का बुधवार को उद्घाटन किया गया।
स्थानीय और मंदिर प्रबंधन समिति ने बताया कि देश की आजादी से पहले कूचबिहार के तत्कालीन राजा और रानी यहाँ किस खूबसूरत माहौल को देखने बार-बार आते थे। तत्कालीन कूचबिहार के राजा यहाँ आने के बाद फाराबाड़ी नामक स्थान पर पूजा करते थे। उसके बगल में माँ का एक मंदिर बनाया गया था। वहां एक बरगद का पेड़ और राजा-रानी का पूजनीय मंदिर अब काफी पुराना हो गया है। लेकिन स्थानीय लोगों के साथ-साथ उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों से भक्त इस स्थान पर पूजा करने के लिए आते हैं।
वर्तमान में मंदिर स्थल तीर्थस्थल बन गया है। इसलिए असम के कामाख्या मंदिर के तर्ज पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। सिलीगुड़ी नगर निगम के अध्यक्ष पातुल चक्रवर्ती ने यज्ञ और पूजा अर्चना के माध्यम से मंदिर का उद्घाटन किया।

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