सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 15 में गुरुवार को विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की जयंती मनाई गई। सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव, उप महापौर रंजन सरकार, अध्यक्ष प्रोतुल चक्रवर्ती सहित अन्य पार्षदों ने पाकुरतला मोड़ स्थित विद्रोही कवि नजरूल इस्लाम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।
आपको बता दें कि बांग्ला भाषा के कवि काजी नजरुल इस्लाम धार्मिक कट्टरता के सख्त विरोधी थे। वे एक श्रेष्ठ कवि के साथ साथ, संगीतज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उन्होंने बांग्ला साहित्य को नई पहचान दिलाई। हर बुराई का विरोध किया। हमेशा से सत्ता के विरोध में लिखते रहें। नजरुल इस्लाम ने असामनता व अत्याचार का खुलकर विरोध किया। उनकी रचनाओं में विरोध का स्वर होने के कारण वे “विद्रोही कवि के रूप में जाने जाते है।
काजी नज़रुल इस्लाम (24 मई 1899 – 29 अगस्त 1976) लोकप्रिय बांग्ला कवि, संगीतज्ञ, एवं दार्शनिक थे। वे बांग्ला भाषा के अन्यतम साहित्यकार, देशप्रेमी तथा बंगलादेश के राष्ट्रीय कवि हैं। पश्चिम बंगाल और बंगलादेश दोनो ही जगह उनकी कविता और गीतों को समान आदर प्राप्त है।
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