नई दिल्ली: लद्दाख में हुई हिंसा के बाद जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है वो सोनम वांगचुक है। वांगचुक जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया जब लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण देने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई, वहीं 70 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। इसी के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
जोधपुर जेल में बंद हैं वांगचुक
यही नहीं उन्हें तुरंत ही लद्दाख से बाहर भेज दिया गया। वांगचुक अभी राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं। भले ही सोनम वांगचुक इस समय जेल में हों लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ साल पहले ही उन्होंने भारतीय सेना के लिए खास ‘कवच’ बनाया था। ये ऐसा कवच था जो -20 डिग्री के तापमान में भी गर्म रहे।
कभी बनाया था सोलर हीटिंग वाला टेंट
बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ के हीरो माने जाने वाले सोनम वांगचुक लद्दाख के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वो एक इंजीनियर और शिक्षक भी हैं। फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में फुंसुख वांगडू का किरदार था, उन्हीं से प्रेरित था। वांगचुक ने NIT श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम कना शुरू किया। इसी दौरान उन्होंने भारतीय सेना के लिए खास कवच तैयार किया। फरवरी 2021 में उन्होंने खास सोलर हीटिंग वाला टेंट बनाया था।
सेना के लिए बनाया था खास टेंट
सोनम वांगचुक ने उस समय बताया था कि यह टेंट पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा है। इससे जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम होगा। जीवाश्म ईंधन से पर्यावरण को जो नुकसान होता है, वह भी नहीं होगा। साथ ही, यह टेंट सेना के जवानों की सुरक्षा भी बढ़ाएगा। इस टेंट का इस्तेमाल सेना के जवान बहुत ठंडी जगहों पर कर सकते हैं। लद्दाख के सियाचिन और गलवान घाटी जैसी जगहों पर यह टेंट बहुत काम आएगा।
जमकर हुई थी तारीफ, यूजर बोले सच्चा देशभक्त
रेमन मेग्सेसे अवार्ड से सम्मानित भारतीय इंजीनियर सोनम वांगचुक ने भारतीय जवानों के लिए हीटिंग टेंट बनाया। जिसका फायदा देश के उन जवानों को मिला जो लद्दाख सियाचिन सीमा पर हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच हर पल तैनात रहते थे। वांगचुक ने इस हीटिंग टेंट की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी काफी तारीफ करते हुए उन्हें सच्चा देशभक्त कहा था।
क्या खास है इस सोलर टेंट में
वांगचुक ने उस समय टेंट की खूबियों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि यह टेंट दिन के समय सूरज की गर्मी को अपने अंदर जमा कर लेता है। रात में इसी गर्मी से जवानों के सोने की जगह गर्म रहती है। इसमें कोई जीवाश्म ईंधन इस्तेमाल नहीं होता। इसलिए इससे पैसे की बचत होती है और कोई प्रदूषण भी नहीं फैलता। इस मिलिट्री टेंट के अंदर सोने वाली जगह का तापमान बदला जा सकता है। अगर अंदर की गर्मी बनाए रखने वाली परतें (insulation layers) बढ़ाई या घटाई जाएं, तो तापमान भी उसी हिसाब से कम या ज्यादा हो जाएगा।
गलवान घाटी जैसी जगहों के लिए मददगार
वांगचुक ने बताया था कि सोलर टेंट में सोने वाली जगह में चार परतें, जो गर्मी को बाहर नहीं जाने देतीं। जब बाहर का तापमान माइनस 14 डिग्री सेल्सियस था, तब भी टेंट के अंदर का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस था। अगर जगह थोड़ी गर्म हो, तो इन परतों की संख्या कम भी की जा सकती है। यह सोलर हीटिंग वाला फौजी टेंट भारतीय सेना के लिए बनाया गया। यह खास तौर पर गलवान घाटी जैसी जगहों के लिए है।