सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी में जिस प्रकार से आये दिन सोने की बरामदगी हो रही है, उससे यही लगता है कि सिलीगुड़ी सोना तस्करी का सबसे पसंदीदा स्थल बन चुका है।
एक बार फिर से गुप्त सूचना के आधार पर सीमा शुल्क विभाग के अधिकारीयों ने अभियान चलाकर 48 लाख रुपये के सोने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। तस्कर के पास से 800 ग्राम सोना जप्त किया गया है, सोने को कोलकाता तस्करी की योजना थी। इस सिलसिले में मणिपुर के रहने वाले 50 वर्षीय खुदुंगबाम रणबीर माइती को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सोने को ट्रेन से असम के गुवाहाटी से कोलकाता ले जा रहा थे। इसकी गुप्त सूचना मिलते ही सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर छापेमारी कर तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। जब्त सोने की मौजूदा बाजार कीमत करीब 48 लाख रुपये बतायी जा रही है।
देखा जा रहा है की आये दिन सोने की बरामदी हो रही है, उससे लगता है कि यह तस्करी का गढ़ बन चूका है। इसके पहले 16 अगस्त को भी गुप्त सूचना के आधार पर घात लगाकर केंद्रीय खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआई) की सिलीगुड़ी टीम ने करीब साढ़े चार किलो विदेशी सोना बरामद किया था और इस मामले में तीन लोगों को भी गिरफ्तार भी किया गया था। जब्त सोने की बाज़ार कीमत 2 करोड़ 15 लाख रुपये आंका गया था।
इससे पहले इसी साल 18 जुलाई को डायरेक्टेड रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानि डीआरआई सिलीगुड़ी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर 4 करोड रुपए मूल्य के तस्करी के विदेशी सोने को जप्त किया था। इसे एक कार में छुपा कर म्यानमार से असम होते हुए उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था। सोना तस्करी के आरोप में उत्तर प्रदेश के बटुआ बिगर मोड निवासी राकेश कुमार तथा लखनऊ निवासी रमेश कुमार शुक्ला को गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपियों के पास से डीआरआई की टीम को 1.66 ग्राम के 50 सोने के बिस्कुट बरामद किए गए थे, इसका वजन 8 ,300 ग्राम था। समय समय पर जिस प्रकार से सोने की बरामदी सिलीगुड़ी से हो रही है, इसका बड़ा कारण यह इलाका अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटा हुआ है
दरअसल सिलीगुड़ी एकमात्र ऐसा शहर है, जो चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान जैसे देश की सीमाओं से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके आलावा सिलीगुड़ी की सीमाएं असम, बिहार, सिक्किम पडोसी राज्यों से सटी हुई है। इन पड़ोसी देशों से तस्करी का माल आसानी से सिलीगुड़ी की सीमा में प्रवेश कराकर तस्कर उसे ट्रेन या बस के रास्ते लाकर इसकी सप्लाई यहां से देश के किसी भी राज्य में की जा सकती है और यही कारण है की तस्करों के सिलीगुड़ी स्वर्ग बना हुआ है।
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