सोना-सोना… बिहार मेरा सोना : अब मालामाल होगा बिहार, सोने के अकूत भंडार की खोज जारी, ‘मिशन गोल्ड’ पर जुटी जैसे
पटना। अक्सर लोग बिहार को एक गरीब राज्य कहते हैं, लेकिन, लोगों का यह धारना अब जल्द ही गलत साबित होने वाली है। दरअसल बिहार अब जल्द ही मालामाल हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्यों कि अब बिहार के दो जिलों में सोने का अपार भंडार मिलने की खबर है।
बिहार में सोने (Gold) की खोज हो रही है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने अब तक 320 फीट जमीन के नीचे तक खुदाई कर चुकी है। 30 बॉक्स में भरकर पत्थरों को लैब टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। बांका जिले के कटोरिया प्रखंड में जीएसआइ की टीम दो सप्ताह से अपने ‘मिशन गोल्ड’ में जुटी हुई है। जयपुर थाना क्षेत्र के लकरामा पंचायत के केरवार गांव में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम सोने की खोज में पसीना बहा रही है।
सुनहरे और काले पत्थरों ने बढ़ाई उम्मीद
सोने की खोज में अब तक बहुत से सुनहरे और काले पत्थर मिले हैं। 30 बक्सों में भरकर आगे की साइंटिफिक जांच के लिए इन्हें GSI लैब भेजा गया है। जीएसआई की टीम को रिपोर्ट का इंतजार है। मगर ग्राउंड पर काम जोर-शोर से चल रहा है। करीब 320 फीट तक की खुदाई हो चुकी है। बताया जा रहा है कि बिहार की इस धरती के नीचे सोने का अकूत भंडार छिपा है।
100 साल पहले अंग्रेजों ने भी खुदाई की थी। इसकी निशानी अब भी मौजूद हैं। गांव के बुजुर्गों ने भी इसकी तस्दीक की। उनके मुताबिक 10-15 फीट का गड्ढा किया गया था। अब GSI की तरफ से खुदाई की जा रही है। सोने की खबर सुनकर पूरे गांव में खुशी की लहर है। उनको लगता है कि सोना मिलने से गांव के साथ-साथ बिहार के दिन भी बहुर जाएंगे। तकनीक नहीं होने से 100 फीट से नीचे अंग्रेज नहीं पहुंच पाए थे। मगर अब जीएसआई ने हाई टेक मशीनों से धरती की खुदाई शुरू की है।
बिहार में मिलेगा सोने का खजाना!
पटना से 300 किलोमीटर बिहार-झारखंड बॉर्डर पर बसे बांका के इस इलाके की चर्चा देशभर में हो रही है। केरवार गांव जंगल और पहाड़ से घिरा हुआ है। यहां की ज्यादातर जमीन बंजर है। ड्रिलिंग के दौरान सोने जैसे चमकने वाले मेटल की जांच अब जीएसआई लैब में किया जाएगा। खुदाई में मिले सैंपल पटना, कोलकाता और दिल्ली के लैब में भेजे गए हैं। बिना लैब रिपोर्ट के खुदाई में लगे अफसर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।
जीएसआई टीम के पास फिलहाल दो साल का अप्रूवल है। मतलब 2024 तक मिशन गोल्ड चलता रहेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है। बताया जा रहा है कि बिहार के जमुई और बांका में बेसमेटल सर्वे का काम जारी है। माना जा रहा है कि इस एरिया में सोना, तांबा, सीसा, जस्ता, सुरमा, टिन और चांदी के खान है। झारखंड के गोड्डा, हजारीबाग से लेकर बिहार के बांका जमुई तक करीब 250 किलोमीटर के एरिया में फैला है। अभी सब कुछ शुरुआती दौर में है।
खुदाई वाले जगह की सुरक्षा बढ़ाई गई
जीएसआई की टीम उम्मीद जता रही है कि बांका में भारी मात्रा में सोना सहित दूसरे कीमती खनिज पदार्थ मिल सकता है। ‘मिशन गोल्ड’ शुरुआती दौर में एक महीने तक चलने का अनुमान है। केरवार गांव में दस कट्ठे जमीन पर इस मिशन को चलाया जा रहा है। आधुनिक मशीनों से ड्रिल कर जमीन के नीचे से पत्थर निकाले गए हैं। यहां से ज्यादातर पत्थर काले और सुनहरे रंग के मिले हैं।
केरवार गांव के खुदाई स्थल पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। पत्थरों सहित दूसरे सामानों के फोटो या वीडियो लेने पर रोक लगा दी गई है। अगर सैंपल टेस्ट से ‘शुभ समाचार’ मिलता है तो माइंस का अलॉटमेंट होने के बाद माइनिंग का काम शुरू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सुनहरे और काले रंग के पत्थरों ने उम्मीद बढ़ा दी है।
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